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पधारो हे नंद लाल, जगमगा रही धरा । पालने में खेलता वो, मुस्कुरा रही देख यशोदा ।। शोभे मयूर पंख सिर तेरे, हाथ लिए बंसी । नटखट गोपाल लीला, गोपियाँ थाम न सकी हँसी ।। लीला है अपरंपार तेरा, जीवन का