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मंथरा का आना

7 जनवरी 2022

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जीवन में मंथराओ का आना,
आप में भरत-सा स्नेह लाता है।
जीवन में मंथराओ का आना,
आप में लक्ष्मण सा साथ लाता है।
जीवन में मंथराओं का आना,
आप में सीता सा विश्वास लाता है।
जीवन में मंथराओ का आना,
आप को कुछ पल का शोक
तो अनंत काल का यश -कीर्ति दे जाता है।
जीवन में जब भी मंथरा जैसे विचार या मनुष्य से सामना हो तो हिम्मत मत हरिये,
समझ लीजिए अब राम सा संकल्प कर ,
मन धीर धरना होगा।
जीवन में जब मंथरा आए
सोचो अब सौभाग्य भी कुछ पल दूर खड़ा होगा।
Kanchan Shukla

Kanchan Shukla

बहुत ही सुन्दर रचना

20 जनवरी 2022

Anita Singh

Anita Singh

20 जनवरी 2022

धन्यवाद कंचन जी,आपकी रचना पढ़ी आज एक ही पेज है और पढ़ने की लालस है मन में,हो सके तो आगे के पेज भी जोड़िए पढ़ने में आनंद आ रहा था।

Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

बहुत बढ़िया लिखा है

15 जनवरी 2022

Anita Singh

Anita Singh

20 जनवरी 2022

अनेक आभार दिनेश जी🙏,आपकी रचनाओं के तो बहुत ही प्रशंसक है आपकी दो रचनाएं पूरी पढ़ ली है,समय मिलते ही और पढ़ेंगे।

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रचनाएँ
अनीता की कविता डायरी
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ये क़िताब मेरी कविताओं का संकलन है। झांकी है स्त्री मन की,समसामयिक घटनाओं पे मेरे विचार है जो उकेरे गए है कविता के रूप में ।आशा है कि आपको ये पसंद आएगी🙏
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सोचों एक दिन नींद खुले।

11 सितम्बर 2021
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<p>सोचो एक दिन सोये और नींद खुले अपने कॉलेज के हॉस्टल में होते शोर से</p> <p>खोलें जब दरवाज़ा,जाते हु

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<p>इस करवाचौथ का वृतान्त सुनो मित्रों-</p> <p>इधर चल रही थी करवा की तैयारी,</p> <p>उधर भारत पाकिस्ता

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सिसकती नदी

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औरत का दर्द

23 नवम्बर 2021
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नमन है तुम्हे हिन्द के वीर

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<p>छाती पे तमगे देख के जिसके भूतल हिल जाता था।</p> <p>सो रहा है वो शेर देखो, देश सत-सत शीश नमाता है।

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मंथरा का आना

7 जनवरी 2022
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जीवन में मंथराओ का आना,आप में भरत-सा स्नेह लाता है।जीवन में मंथराओ का आना,आप में लक्ष्मण सा साथ लाता है।जीवन में मंथराओं का आना,आप में सीता सा विश्वास लाता है।जीवन में मंथराओ का आना,आप को कुछ पल का शो

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गणतंत्र दिवस

25 जनवरी 2022
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स्वतंत्र देश को एक सूत्र में पिरोया ,जब आंबेडकर ने संविधान संजोया।जाति,धर्म, वेशभूष को छोड़,भारत गणतंत्र बन पाया,जब 26 जनवरी 1950 को,गणतंत्र संज्ञान में आया।गणतंत्र की महिमा गाता हर इंसान है,हर्ष से ब

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