इस करवाचौथ का वृतान्त सुनो मित्रों-
इधर चल रही थी करवा की तैयारी,
उधर भारत पाकिस्तान की मैच की बारी।
मौका मौका कर के एड चिल्ला रहे थे,
उधर हम करवा के दाम मौलवा रहे थे।
सारा सीन सेट था,
कौन जीतेगा इसका भी बेट था।
पत्नियां रूपवती बन खुद पे जा रही थी वारी,
पतियों ने भी कर ली थी क्रिकेट के ट्रैन की सवारी।
पारी भारत की ठीक ठाक गुज़र गई थी,
रसोई में भी पकवानों और गृहणियों की साज़ गुज़र गई थी।
अब जो उतर था पडोसी बल्ला लेके,
ठीक तभी श्रीमती जी खड़ी हो गई बच्चा लेके।
हिया के पापा जरा इन्हे संभालिये,
कब निकलेगा चाँद जरा इंटरनेट से निकालिये।
इधर पाक के खिलाड़ी हमे पीटे जा रहे थे,
उधर चंदा मामा बदलो से जीते जा रहे थे।
पत्नी जी ने बड़ी बड़ी आँखों से निहारा,
अरे लो ये एक और गेंदबाज गया मारा।
चलनी,जल लेके हम परंपरा निभा रहे थे,
हिया की मम्मी को जल पिला रहे थे।
मन ही मन गेंदबाज को कोसे जा रहे थे,
मुए ने एक ढंग की बाल न डाली।
तब तक हिया की मम्मी ने बोला,
निकालो हमारी नई बाली।
बाली देके जो हम नीचे भागे,
राम कसम ऐसे कोई फील्डर भी आज न भागें।
पकवानों का स्वाद फीका कर दिया,
बलेबाज़ ने तभी छक्का जड़ दिया।
जैसे हारे हम उस दिन,
पत्नी बोली आज कोहली की पाक ने कर दी बंद बोली।
हम क्या कहते चुप हो गए थे कोहली तो आज म्यूट हुएथे,
हम तो न जाने कब से म्यूट हो गए थे।
अनीता सिंह गहरवार