मेरी अधूरी कहानी वह अन्य घर से बचपन वह नन्हे से पल कहां गुम हो गए बस क्यों क्यों क्यों यह मेरी अधूरी कहानी बचपन में खो गई क्यों क्यों क्यों यह पूछता है मन की यह मेरी अधूरी कहानी क्यों रह गई अधूरी इसके पीछे कौन है जिम्मेदार मैं या मेरी किस्मत यह मेरी अधूरी कहानी पापा ने भी ज्ञान दिया और मम्मी ने भी ज्ञान दिया पर कभी समझ ना आया उनका ज्ञान यह मेरी अधूरी कहानी अधूरी कहानी में बहुत सारे रहस्य छुपे हैं जिससे मैं अभी तक नहीं सुलझा पाई है यह मेरी अधूरी कहानी सुना पूरा हो सका मैं क्या बताऊं है यह मेरी अधूरी कहानी इतने पन्नों में मैं लिख डालो फिर भी यह ना पूरी हुई अधूरी कहानी पापा बोले तू बेटी है बेटा बनकर रहना मम्मी बोली तू बेटी है घर में ही रहना यह बहुत है उनकी कहानी यह है मेरी अधूरी कहानी न सपने पूरे हुए ना अरमान पूरे हुए ऐसी है मेरी अधूरी कहानी आप प्रीति यह सब समझते हैं कि यह क्या है अधूरी कहानी हर जगह हर परिस्थितियों ने मुझे अधूरा रखा कभी सपने पूरे ना कर पाए ऐसी है अधूरी कहानी इन सवालों का जवाब यह समाज ही दे सकता है जो आपकी टांग खींचते हैं ऐसी है मेरी अधूरी कहानी कुछ भी करने आगे बढ़ो पैर खींच लेते हैं पीछे लोग यह मत करो वह मत कर ऐसे मत कर वैसे मत कर गलत मत कर गलत मत जा गलत मत जा ऐसी है यह अधूरी कहानी क्यों पीती है यह बेटियां क्यों आती है यह बेटियां होती है अधूरी कहानी मैंने बचपन से ही देखा है लोगों की यह अधूरी कहानी घुट घुट कर मरती है नारी इस पर मरती है ना ही ऐसी है अधूरी कहानी पेट से ही बता दिया जाता है तू बेटी है बेटी है बेटी है ऐसी है अधूरी कहानी बहुत उलझी है मेरी डायरी कब से मैं समझा पाऊंगी ऐसी है मेरी अधूरी कहानी क्या लिखूं क्या लिखूं इन लफ्जों में न समझ पाऊंगा ऐसी है मेरी अधूरी कहानी थोड़ा साझा करती हूं फिर उलझ कर रह जाती हूं कि मैं कहां से चली थी और कहीं पर खड़ी है ऐसी है मेरी अधूरी कहानी ऐसी है मेरी अधूरी