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मेरी कलम

6 अगस्त 2022

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मेरी कलम आज उदास लगने लगी है
पिता का दर्द लिखते लिखते रोने लगी है
रोने लगी है मा की हर पुरानी बात पर
मा की बिंदी पिता का कुर्ता लिखते लिखते रोने लगी है। 🍂

मेरी कलम के अंदर
पिता के कर्ज की सहाई है
कैसे ना लिखूं आज फिर 
मा बापू की याद आई है। 🍂

मेरी कलम ने पिछले जन्म 
बड़ा उपकार किया होगा
जिसने शब्दो मेे पिता को 
उतार दिया होगा। 🍂

धन्य है तू ए कलम
दो ऊंगली मेे कैद रहकर 
पूरी कहानी लिखती है
कभी जेब मेे कभी 
डब्बे में छुपती है। 🍂

तेरे दर्द को बयां मै करूंगा
तू मत रो कलम तेरा नाम मै करूंगा🍂
लिखूंगा तुझ से 
एक नया इतिहास
तुझे ही आजाद मै करूंगा। 🍂

देख मैने जमी से आसमान लिखा है
हर परिंदे का मका लिखा है
लिखा नहीं बचपन अपना
जवानी को मैने अपनी बर्बाद लिखा है। 

लिखा कैसे खत्म हुई कहानी अपनी
फिर बचपन को आबाद लिखा है


 मेरी जवानी के दो पल लिखना
कैसे खत्म हुवे वो छन लिखना
लिखना ममता भरे बचपन के गीत
छुट गया वो भी संगीत
अपनो क छुटा साथ लिखा है 
मैनें बचपन को अपने आबाद लिखा है
जवानी को मैने बर्बाद लिखा है। 

लिखते लिखते लिख दिया
 जवानी को यूहीं गवा दिया
लिखा कि कुछ पल सुहाने थे मेरे फिर बचपन को भगवान लिखा है
कैसे खत्म हुई कहानी अपनी
जवानी को मैने बर्बाद लिखा है। 

मै तकलीफ मेे जी रहा था
तकलीफ मुझे अच्छी लगी
तकलीफ मेे तकलीफ बोली
 ना तेरा कोई अपना है ना तेरा होगा 
दुःख मेे दुःख की बात यहां है
जो अपने थे वे कब कहा है
मा के सिवा कोई तेरा अपना नहीं
होगा
दुख मेे जो खड़े होते थे 
जाने वे लोग अब कहा है

तकलीफ को भी तकलीफ हुई
जब भरा परिवार एक तरफ खड़ा रहा
तू अकेला एक तरफ पड़ा रहा

मैं तो अपना फर्ज निभाती रही
तुझे धीरे धीरे खाती रही
तू नादान रहा अपनो पर कुर्बान रहा
तुझे जरूरत थी थोड़े पानी की
तू पड़ा बेजान रहा

देख बन्दे कर्म कर्म का खेल है
तू बेजुबान को मार कर खाता था
रहता था तू किस गरुर मेे बन्दे
तुझे जीव पर तरस नहीं आता था। 

आज मै तुझे खा रही हूं
तूने मुझ से खूब खेला है 
बस दो पल का तेरा मेला है। 

सरफिरा लेखक सनातनी ✍️

सरफिरा लेखक ✍️✍️article-image

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रचनाएँ
सरफिरा लेखक सनातनी
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नमस्कार,, यहां एक पुस्तक केवल शब्दो को दर्शाती। किन्तु हमे ये देखना है कि पुस्तक के अंदर है क्या और समझना है हर एक कविता को। सच तो ये है हमारे जीवन को आधा बदल देती हैं ये किताब। जैसे धर्म के लिए शस्त्र उठना चाहिए वैसे ही इतिहास और रिश्तों को जानने के लिए अच्छी अच्छी किताब पढ़नी चाहिए। मैने किताब मेे लिखा है जो अपनी मां को छोड़ देते हैं जो पिता से नाता तोड देते है वे कौन होते है वे कौन होते है। एक एक कविता के अंदर मां होगी पिता होगा सच मानो तो हमारे समझ आएगा मात पिता एक अनमोल खजाना है। इतिहास से जुड़ी बाते आप को पढ़ने के लिए मिलेगी। जिस को हम भूल रहे हैं चाहे वो इतिहास हो या परिवार वो हमारे लिए अपराध के लायक है। जिन महान पुरषों ने अपना बलिदान दिया जिन को जेलों मेे मार दिया गया आज हम भूल चुके हैं वो इतिहास वो बाते मेरी किताब आप सब को ये बताएगी। धन्य है वे माए जिन के बेटो ने बलिदान दिया धन्य है वे पिता जिस ने अपने दोनो कंधों को सीमा पर भेज दिया। ये सरफिरा लेखक सनातनी केवल नाम ही नहीं है ये एक सत्य की और लेे जाने वाली पुस्तक है। सरफिरा लेखक सनातनी ✍️🙏
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