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कविता लिखने का शौक

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सरफिरा लेखक सनातनी

सरफिरा लेखक सनातनी

नमस्कार,, यहां एक पुस्तक केवल शब्दो को दर्शाती। किन्तु हमे ये देखना है कि पुस्तक के अंदर है क्या और समझना है हर एक कविता को। सच तो ये है हमारे जीवन को आधा बदल देती हैं ये किताब। जैसे धर्म के लिए शस्त्र उठना चाहिए वैसे ही इतिहास और रिश्तों को जानने

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4 common.articles

निःशुल्क

सरफिरा लेखक सनातनी

सरफिरा लेखक सनातनी

नमस्कार,, यहां एक पुस्तक केवल शब्दो को दर्शाती। किन्तु हमे ये देखना है कि पुस्तक के अंदर है क्या और समझना है हर एक कविता को। सच तो ये है हमारे जीवन को आधा बदल देती हैं ये किताब। जैसे धर्म के लिए शस्त्र उठना चाहिए वैसे ही इतिहास और रिश्तों को जानने

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मेरी कलम

6 अगस्त 2022
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मेरी कलम आज उदास लगने लगी हैपिता का दर्द लिखते लिखते रोने लगी हैरोने लगी है मा की हर पुरानी बात परमा की बिंदी पिता का कुर्ता लिखते लिखते रोने लगी है। 🍂मेरी कलम के अंदरपिता के कर्ज की सहाई हैकैसे ना ल

दोस्ती और प्यार

3 अगस्त 2022
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तेरी दोस्ती के गीतसब को सुनाऊंगा देखनातू मेरे गीत गुनगुनाएगीजीवन में एक बार देखना। जब लगने लगे फूल सा जीवनतो समझ लेना प्यार हुआ मुझ से हैना जाने क्यों दूर है तू मुझ सेआज करता इकरार ये प्यार तुझ स

मिट्टी को गांव कहते है

3 अगस्त 2022
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मैं उस मिट्टी में पला हूं जिस मिट्टी को गांव कहते हैंघनघोर बादल जब छा जातेछोटे बच्चे उसे शाम कहते हैंबारिश में बनाकर कागज का खिलौनाजिसे हम नदी की नाव कहते हैं!!हम बड़े हुवे वो मिट्टी छूट गईकागज क

जिंदगी कम सी लगी मुझे

3 अगस्त 2022
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जिंदगी यूं ही कम सी लगी मुझेमां के बिना थम सी लगी मुझे। जिंदगी में अकेला नहीं था कभीमां बिन जिंदगी गम सी लगी मुझे। लगी मुझे जिंदगी डूबते तिनके की तरहमेरे सर का सहारा रूठ गया मुझ से।&n

कोई मुझे मेरे बाबू जी के घर छोड़ दो

3 अगस्त 2022
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कोई मुझे मेरे बाबू जी के घर छोड़ दोजो घर मेरी मां के लिए बनाया थाजिसमें हम भाई-बहन ने छोटा सा सपना सजाया था। उस घर की बुनियाद से हमें जोड़ दोकोई मुझे मेरे बाबूजी के घर छोड़ दो। उस घर की दीवा

नाग की महिमा

3 अगस्त 2022
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नागों का देख नजारामिलन प्रेम का होता हैजो रखे नाग पर पैर वो जिंदगी भर सोता है। शिव का तांडव देख नागकी झूमने लगे गले मेे सांपसुंदर में बड़े जब कन्हैयाजिस के राजा थे शेषनाग नाग को दूध पिल

प्यार तिरंगा

2 अगस्त 2022
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आन बान शान को बचाने निकले हैतिरंगे को अपनी जान पे बचाएंगे झुके नहीं हम किसी दरबारो मेे कभीपूरी दुनिया में तिरंगा लहराएंगेलाएंगे अपनी धरातल पे फिर सेप्राचीन संस्कृति को हम बचाएंगेसारे मिलकर

तिरंगा झुकने नहीं पाएगा

1 अगस्त 2022
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झुकने नहीं देंगे तिरंगे की शान को हम सीमा पार भी तिरंगा लेकर जाएंगेइस धरातल को कसम मेरे खून कीतिरंगे की शान मेे कतरा कतरा खून भाएंगेझुकने नहीं देंगे धरातल पे तिरंगे कोफिर अपना हम भीम सा भाहुबल दि

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