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मिश्रा के कलम से

16 नवम्बर 2021

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मेरे दिल का दर्द किसने देखा है,

मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है।

हम तनहाई में बैठे रोते हैं,

लोगों ने तो सिर्फ मैहफील में हमे हंसते देखा है।।

                                              - नवनीत मिश्रा

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