रुख से पर्दा हटा कर देखना / ग़ज़ल
रुख से तुम पर्दा हटा कर देखना ।दूरियां सब तुम मिटा कर देखना ।।उफ़ तक भी हम ना करेंगे आपसे ।बिजलियाँ चाहे गिरा कर देखना ।।आप भी मेरे ही जैसे हो सनम ।आइना खुद को दिखा कर देखना ।।सारी दौलत तुम यहाँ पा जाओगे ।माँ के पांवों में झुका का देखना ।।याद मुझको आ जाये मेरा खुदा ।मेरे यूँ गुनाह गिना कर देखना ।। वक