मोहे काहे विदा करियों
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पूंछ रही बेटी आज
काहे में अपने ही घर में हुई पराई ....
बतला दो एक बार .....
पाई - पाई जोड़े मोको पड़ायो
काहे फिर दान दहेजा देके मोहे करो हो विदाई !!
पूंछ रही बेटी आज
काहे में अपने ही घर में हुई पराई
बतला दो एक बार .....
तेरे आंगन की में फुलवारी बाबा
चिड़िया सी चहकु में हर पल बाबा ......
कैसी ये रीति बनाई जगत में
लाड़ो भयी रे आज पराई !!
पूंछ रही बेटी आज
काहे में अपने ही घर में हुई पराई
बतला दो एक बार .....
तेरा ही तो मै अंश हूं बाबा
फिर काहे सौंपे पराए हाथों .....
कैसे रहूंगी में तुझ बिन बाबा
किसको कहूंगी मन की बतिया बाबा !!
बेटी पूंछ रही आज
काहे में अपने ही घर में हुई पराई
बतला दो एक बार .....
ना मांगू में हीरे मोती
ना मांगू में झुमके बाली ....
तेरे प्यार की थपकी मागूं
मांगू में मां की लोरी बाबा
मोहे काहे विदा करियों रे बाबा !!
बेटी पूंछ रही हैं आज
काहे में अपने ही घर में हुई पराई
बतला दो एक बार ......
रोक लो ताऊ चाचा इनको
स्मरण करो बचपन की बात ...
रोक लो बाबा मोहे आज
काहे करू मैं देहरी पूजन
बतलाओ अंतिम बार !!
मोहे काहे विदा करियों रे बाबा
पूंछ रही बेटी आज
काहे में अपने ही घर हुई पराई
बतला दो एक बार ......
बीना पाटनी पिथौरागढ़ उत्तराखंड