shabd-logo

Motherland

26 जुलाई 2022

12 बार देखा गया 12
यह मिट्टी ही तो है जो हमें स्वाभिमानी बनाती है 
से फिर हटाओ फिर आती है ,फिर हटाओ फिर आती है
अरे रुको इससे पूछो यह कहना चाहती है 
यह मिट्टी तो है जो हमें स्वाभिमानी बनाती है
 अरे यह तो आंखों में भी आती है, हवा से उड़ उड़ के आती है       इसे फिर हटाओ फिर आती है ,फिर हटाओ फिर आती है
यह मिट्टी ही तो है जो हमें स्वाभिमानी बनाती है
यह दुनियां  बावली है ,जो इस पर मार्बल लगाती है
यह तो मार्बल पर पे भी  आती है
पैरों से चिपक चिपक के आती है
इसे फिर हटाओ फिर आती है, फिर हटाओ फिर आती है
यह मिट्टी ही तो है जो हमें स्वाभिमानी बनाती है
यह दुनिया बावली  है जो इस पर बिस्तर लगा के सोती है
यह  तो बिस्तर  पे भी आती है
पैरों से चिपक चिपक के आती है
इसे फिर हटाओ फिर आती है फिर हटाओ फिर आती है
मिट्टी ही  तो है ,जो हमें स्वाभिमानी बनाती है
और यह ,यही कहना चाहती है
कहां तक भागेगा इंसान
चिपका रह  मुझसे
जुड़ा रह मुझसे
तेरा शरीर भी एक माटी है
तेरा शरीर भी एक माटी है



Sunil kumar verma

Sunil kumar verma

यह कविता भारत की मातृभूमि के लिए लिखी गई है जो हमें इस मिट्टी के प्रति समर्पित एवं बलिदान होने की प्रेरणा देती है। हमें हमेशा जागरूक और स्वाभिमानी बने रहना चाहिए यह कविता हमें यही प्रेरणा देती है।

26 जुलाई 2022

2
रचनाएँ
Great India
0.0
पुस्तक मे भारत की भूमि और इसकी एककेता और वीरता का वर्णन किया गया है। इसमें आपको भारत की मातृभूमि के लिए ओजस्वी कविताएं एवं गौरवपूर्ण बातें लिखी हुई देखने लिखने को मिलेगी जो हमें अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित होने की भावना देगी और अपनी मातृभूमि की रक्षा के प्रति हमें सदैव बलिदान होने की भावना हमारे दिल में बनाए रखेगी। भारत के वीर एवं बलिदानों के योगदान का वर्णन पढ़ने को मिलेगा।

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए