मुक्त हो गया बैल
रह गया बंधन
कोल्हू वहीँ पि स रहा
देह शैल पर
साँस का चन्दन
व्यर्थ घिस रहा
प्रकाशित काव्य संग्रह पाँव पगडण्डी ठौर से
21 जनवरी 2016
मुक्त हो गया बैल
रह गया बंधन
कोल्हू वहीँ पि स रहा
देह शैल पर
साँस का चन्दन
व्यर्थ घिस रहा
प्रकाशित काव्य संग्रह पाँव पगडण्डी ठौर से