शब्दानगरी के सदस्यगण
मेरी मित्रता का निवेदन स्वीकार करने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
झारखण्ड के हज़ारीबाग़ मैं १९६५ में जन्मा मैं बस प्रकृति से एक लगाव महसूस करता हूँ.
पटना विश्वविद्यालय से जियोलॉजी में स्नातक करने के बाद भी मेरी रूचि भाषा और साहित्य में रही है और छिटपुट कविताएँ लिखता रहता हूँ.
१९९२ में मैं ने भारतीय सिविल सेवा ज्वाइन की और भारतीय डाक सेवा में चयनित हुआ . भारत सरकार के अधीन काम करने के दौरान देश के विभिन्न भागों को देकघ्ने का मौका मिला. २००४ से दिल्ली में हूँ.
सन #२०१३ में मेरी कविताओं का एक लघु संग्रह , पाँव पगडण्डी ठौर प्रकाशित हुआ .
शब्दनगरी के माध्यम से आपलोगों से सम्वाद् बना रहेगा आशा करता हूँ
भवदीय्
नीरज