शांन्ति । किसी देश की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करती है इसलिए आज कुछ देश अशांत है क्योकि उन देशो की आर्थिक स्थिति डाउन होती जा रही है ऐसे देशो को मदद दी जाये जो आत्म निर्भर नही है उन देशो के विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जिससे उन देशो के विकास को पटरी पर लाया जा सके । आर्थिक स्थिति ही मनुष्य मे असंतोष की भावना उत्पन्न करता है दुनिया मे असंतोष तो बेरोजगारी से है जो किसी भी देश के युवा को भटकाती है और उसे आतंकवाद के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर कर देती है वर्ना कोई यू ही नही अपन को बम से उडा लेता है मै युवाओ से भी कहना चाहुगा कि सरकारी नौकरी ना मिले तो वह अपना कोई कार्य कर ले । जिससे आपकी आर्थिक स्थिति सही रहे । वैसे कहू तो दुनिया एक पहेली के समान है किसी के कुछ विचार है तो किसी के कुछ विचार मगर याद रखो,भगवान बुद्ध, भगवान राम, ओर श्रीकृष्ण भगवान ने शांति का संदेश इस दुनिया को दिया ओर ज्ञान का प्रकाश इस ससांर मे चारो दिशाओ मे फैलाया यह हमारे लिए एक आदर्श के समान है महात्मा गाँधी जैसे युग पुरुष इस ससांर मे शांन्ति के दूत बनकर आये क्या हम उनके जैसे नही बनना चाहते है स्वामी विवेकानंद जी भी हमारे आदर्श है याद रखो अशोक महान -अशोक महान ऐसे ही नही कहलाए उन्होने दुनिया मे शांन्ति स्थापित करने के लिए ओर धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपने पुत्र महेन्द्र ओर पुत्री संघमित्रा को धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए दूर-दूर देशो मे भेजा ओर अपने आप भी शांन्ति दूत बनकर कार्य किया तभी वह महान अशोक कहलाए वर्ना पहले लोग उसे चण्ड अशोक के नाम से बुलाते थे ओर जब उसका ह्रदय परिवर्तन हुआ तब उसे महान सम्राट अशोक के नाम से प्रसिद्ध हुआ उसने जितने भी युद्ध किये उसने कभी पिछे मुड़कर नही देखा परन्तु कलिंग के युद्ध मे एक बार पिछे मुडकर देखा कि कितनी लोगो की हत्या हुई कितनी ही माँओ को उसने अपने बेटो पर रोते बिलखते हुए देखा था कितनी ही पत्नीयो को अपने पतियो की लाश पर रोते बिलखते ओर प्राण त्यागते हुए देखा था तभी उसका ह्रदय ग्लानी से भर गया था ओर उसने शांन्ति का रास्ता अपनाया ओर उसने शांन्ति दूत बनकर राज्य किया ओर उसके बाद उसने कभी हथियार नही उठाया था ।