क्या हम भूल गये उन दो विश्व युद्ध को जिनमे इतनी जन धन की हानी हुई थी आज हम फिर उसी दिशा मे जा रहे है जब युद्ध के बाद शांन्ति है तो युद्ध क्यो । विकास क्यो नही ऐसे तो हम कभी शांन्ति स्थापित नही कर पायेंगे जब हमने दो विश्व युद्धो से सबक नही लिया । तो क्या हम फिर युद्ध की ओर ही नही जायेगे इसलिए इन हथियारो की होड को छोड दो ओर अभी से ही शान्ति की ओर एक कदम बढाते चलो । जिसमे सब मानव का कल्याण हो जिससे मानव इस ससांर मे बेफिक्र होकर जी सके युद्ध किसी समस्या का हल नही होता । उलझी हुई समस्याओ को सुलझाने के लिए संतोष ओर समय की आवश्यकता होती है ढाई गज की धोती वाले महा पंडित चाणक्य वह युग पुरुष थे जिन्होने बिना हथियार उठाए केवल अपनी बुद्धी के बल से ओर नीतियो द्वारा न केवल विश्व विजय का स्वप्न देखने वाले सिकंदर के पाव मे बेडिया डाल दी थी ऐसे थे चाणक्य आज दुनिया को ऐसे ही नीतिकारो कई जरुरत है दुनिया मे आज न जाने कितने देश ऐसे है जो भूख ओर गरीबी से तंग हाल है ऐसे देशो की मदद करो न कि हथियार बनाओ । 🌏 को आज इन हथियारो से बचाना है न कि इनका इस्तेमाल होने देना है हथियार निशस्त्रीकरण की शुरुआत करनी होगी आज समय ऐसा है जब पग पग पर इन हथियारो से खतरा है जो धन गरीबी दूर करने मे लगना चाहिए वह हथियार बनने मे लग रहा है कुछ देशो मे गरीबी की संख्या बढती जा रही है यहा पर जो विकास होता है वह सिर्फ नेताओ का होता है भारत जैसे देश मे तो नेताओ का विकास ही जनता का विकास माना जाता है क्योकि यहा के नेता ऐसे है जो पार्टी जीत रही होती है उसी मे शामिल हो जाते है फिर चाहे वह गुडा हो बदमाश हो या उसका रिकार्ड कैसा भी रहा हो बस जीत वाली पार्टी मे शामिल हो जाते है ओर सरकार मे रहते हुए उनके सारे अपराध छिप जाते है ओर तो ओर इनको देश आजीवन पालता है किसी के सरकारी भत्ते बिजली फ्री पानी फ्री ओर ऐसे नेता देश पर बोझ है ओर तो ओर अधिकारी वर्ग तो इनकी कठपुतली बन कर रह गया है यहा कभी जनता का विकास होता दिखाई नही देता मगर नेताओ का विकास होता दिखाई देता है । नेताओ से सिर्फ इतना ही कहना चाहुगा कि वे इस देश के विकास को ही अपना विकास समझे । न कि अपने विकास को देश का विकास समझे ।