मै जो लिखने जा रहा हू वह एक सत्य है इस ससांर का । न जाने मेरे दिल एक कसक सी है जो मेरे दिल को चुभने लगती है यह देश एक ऐसी दिशा मे जा रहा है जहा इसके बारे मे कोई सोचने वाला नही है इस देश का युवा एक मुक दर्शक बनकर देख रहा है क्योकि अब युवा वर्ग को जगाने का समय आ गया है इस देश युवाओ को ही नही इस देश के हर उस नागरिक को जो इस देश को बर्बाद होते नही देख सकते है । क्यो तुम एक साथ डटकर खड़े नही हो जाते । इस देश के लिए समाज मे आज नई चेतना की जरुरत है ओर एक सस्कत राष्ट्र बनाने की जरूरत है मेरे देश के नागरिको उठो जागो ओर इस राष्ट्र भक्ति मे लीन हो जाओ वर्ना यह एक बार हाथ से निकल गया तो यह हमारे हाथ आने वाला नही है भाईयो माता बहनो मेरा इशारा आप समझ गये होगे । क्योकि इस देश को हमे उन दुश्मनो से बचाना है जो इस देश पर निगाहे गाढे खड़े है ओर हम पर अंगुली उठाने का बहाना ढूंढते रहते है इसीलिए उसको चुनो जो इस देश को सुरक्षित रख सके क्योकि किसी का सुख और कीर्ति ससांर की द्वेषाग्नि से फूट कर निकलती है पर विदेशी ताकतो से हमे अपने देश को बचाना होगा । ओर एक बात। ससांर मे मनुष्य को लौह पुरुष ही बनकर जीना चाहिए राजनीतिज्ञ ,महात्मा और जनसेवक को अपना सर्वस्व ओर के लिए ही सर्मपण करना चाहिए यही सच्चे राष्ट्र भक्त की पहचान है आज हमारे देश मे उसका उल्टा हो रहा है परन्तु हमे इसमे सुधार करना होगा । मेरे देश के वीरो भोग विलास और शराब जुआ इन बुरी चीजो से अपना नाता तोड दो ओर आगे बडो । क्या तुम भुल गये कि एक ही सूर्य है इनके जैसा बनकर नही रह सकते । याद रखो ससांर को प्रकाश देने वाला जलता रहता है इसीलिए आगे बडो ओर अपने देश के लिए प्रयत्नशील रहो । कोई कहता है कि मैने भगवान को नही देखा है परन्तु मै कहता हू कि तुम रोज तो भगवान के दर्शन करते हो । जो ससांर को रोज प्रकाश प्रदान करता है उस सूर्य देव के आपको रोज दर्शन नही होते है कया सबको प्रकाश देने वाला भगवान के समान नही होता । यह प्रकृति किसी के साथ भेे भाव नही करती है सबको समानता प्रदान करती है किसी मे कोई भेदभाव नही है मगर मनुष्य जाति ने न जाने कयो बाट कर रख दिया आज हर देश किसी न किसी देश को निगल जाना चाहता है मगर किसी देेश को निगलने से अच्छा है कया हम उस देश की तरफ अमन का हाथ नही बढा सकते है जो नर संहार हम करेगे कया हम किसी को जीवन वापस दे सकते है क्या हम उस देश को वैसा दुबारा बना सकते है जैसा वह पहले था आज यह दुनिया एक चिंगारी के दूआर पर खडी है जिसको शांति ओर अमन की जरुरत है मै संयुक्त राष्ट्र संघ से भी कहना चाहुगा कि इतिहास अपने आप को दोहरा ना ले ।क्योकि हमे जो भी करना है सबको साथ मिलकर ही करना है बढा देश छोटे गरीब देश का शोषण न कर पाये तभी दुनिया इतिहास को दोहराने से बच सकती है