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नम्रता द्विवेदी 'नैन' के बारे में

ख्वाबों की दुनियाँ मे अपने लिए हकीकत बुनती लड़की हूँ मै बिल्कुल आपकी ही तरह, हर लड़की के मन मे सपने होते है उम्मीद होती है, विश्वास होता है, मेरे मन मे भी है कि एक दिन कामयाबी के पथ पर एक नाम मेरा भी होगा। अपने आदर्शों और उसूलों पर चलने वाली लड़की हूँ मै, सही को सही, गलत को गलत कहने का दम रखती हूँ, जो मंजिल तक पहुँचा दे मुझे उन्हीं रास्तों पर कदम रखती हूँ। अपनी संस्कृति और सभ्यता दोनों साथ लेकर चलती हूँ,, जो सम्मान देते है इंसानियत को उनके लिए हृदय मे प्रेम और विश्वास लेकर चलती हूँ। 🇮🇳❤🙏 नम्रता द्विवेदी 'नैन'

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नम्रता द्विवेदी 'नैन' की पुस्तकें

स्त्री और समाज

स्त्री और समाज

यह किताब स्त्रियों की वेदना और उनके अस्तित्व पर लिखी गयी है। एक स्त्री चाहे तो फूल को पर्वत कर सकती है और पर्वत को मोम। स्त्री प्रेम मे राधा, त्याग मे सीता और क्रोध मे दुर्गा भी बन सकती है। अतः स्त्रियों का अपमान अर्थात् प्रकृति अपमान क्योंकि स्त्री

4 पाठक
8 रचनाएँ

निःशुल्क

स्त्री और समाज

स्त्री और समाज

यह किताब स्त्रियों की वेदना और उनके अस्तित्व पर लिखी गयी है। एक स्त्री चाहे तो फूल को पर्वत कर सकती है और पर्वत को मोम। स्त्री प्रेम मे राधा, त्याग मे सीता और क्रोध मे दुर्गा भी बन सकती है। अतः स्त्रियों का अपमान अर्थात् प्रकृति अपमान क्योंकि स्त्री

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नम्रता द्विवेदी 'नैन' के लेख

शक्ति और उपासना

26 सितम्बर 2022
1
0

स्त्री सरल शब्दों में कहा जाए तो औरतजो एक अगरबत्ती की तरह हैजो अपने घर को भरपूर सुगंध देती हैमगर वक्त आने पर किसी को जला भी सकती है,औरत सरल शब्दों में कहा जाए तो नारीजो एक ज्योति कि तरह हैजो

नारी शक्ति

26 सितम्बर 2022
0
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हर एक औरत दुर्गा का ही रूप होती है, यदि आप उसका सम्मान करोगे, तो वह आपको आशीष देगी, यदि आप उसका अपमान करोगे, तो वह काली बन शीश भी काट लेगी,,, हर औरत गृह लक्ष्मी होती है, यदि आप उसको सम्मान दोगे,

स्त्री

22 सितम्बर 2022
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<div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/632c0a704d9a5c0bc02dcaa9_1663849424666.jpg"></div>

स्त्री

22 सितम्बर 2022
1
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स्त्री को हमप्रकृति की बेटी कह सकते है, प्रेम दोगेप्रेम पाओगे, खिलवाड़ करोगेनष्ट हो जाओगे।

स्त्री

22 सितम्बर 2022
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स्त्री को बाँझ कहनाधरती को बंजर कहने जैसा है।

स्त्री

22 सितम्बर 2022
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जिस प्रकार मंदिर मे रौनकभगवान से होती है, ठीक उसी प्रकार घर मे स्त्री से।

मै स्त्री हूँ, मै नारी हूँ, मै जग की पालनहारी हूँ।

22 सितम्बर 2022
1
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स्त्री सरल शब्दों में कहा जाए तो औरतजो एक अगरबत्ती की तरह हैजो अपने घर को भरपूर सुगंध देती हैमगर वक्त आने पर किसी को जला भी सकती है,औरत सरल शब्दों में कहा जाए तो नारीजो एक ज्योति कि तरह हैजो

स्त्री

22 सितम्बर 2022
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जिस प्रकारजल के बिना जीवन कीकल्पना करना व्यर्थ है, ठीक उसी प्रकारस्त्री के बिनासमाज की कल्पना करनाव्यर्थ है..!!

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