23 मई 2021
लघुकथा सर जी की दूसरी पारी कुंदन पार्टी कार्यालय के गेट पर जाकर जोर - जोर से चीखने लगा ," मैं बर्बाद हो गया पहले की तरह आज भी गरीब की कोई सुनने वाला नहीं है ..... जहाँ भी जाओ दुत्कार मिलती है ......सर जी कहाँ हैं ..... उनका फोन भी नहीं लग