हमारा नेता कैसा हो पर अगर लोगो की चाहत है कि वो सख्त फैसले लेने वाला होना चाहिए तो मेरा मानना है कि सख्त फैसले नहीं बल्कि समझदारी से फैसले लेने वाला होना चाहिए. हम सख्त फैसले किस के खिलाफ चाहते है? अपने खिलाफ या अपने विरोधियों के खिलाफ? अगर कोई नेता सख्त फैसले लेता है जो अपने खिलाफ हो तब भी क्या उसके फैसलों को सही मानेगे? या वो सिर्फ सख्त फैसले विरोधियों के खिलाफ लेता है तब ही सही मानेगे? नेता सख्त फैसले लेने वाला लोकतांत्रिक कभी नहीं हो सकता, सख्त फैसले लेना अलोकतांत्रिक है, तानाशाही है, जो किसी एक वर्ग के लोगो को कुछ देर तक तो खुश रख सकती है पर हमेशा नहीं. अगर ऐसा होता तो हिटलर को जर्मन के लोग महान नेता मानते. मुसोलनी को इटली के लोग और हिदोंकी तोज़ो को जापान के लोग. पर ऐसा नहीं हुआ. उनके ही देश के लोगो ने उन्हें गलत करार दे दिया, पर ऐसा भी नहीं है कि आज उनकी विचार धारा के लोग नहीं है, वो आज भी है पर सिर्फ गिनती के.