टीईटी से सम्बंधित खबर।
एनसीईआरटी की कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों से भी होंगे प्रश्न
📌 यूपी टीईटी 2015 की परीक्षा इस बार एक दिन में (दो फरवरी को) ही पूरी हो जाएगी, जबकि पिछली बार यह परीक्षा दो दिन चली थी। इसकी वजह भाषा का प्रश्नपत्र अलग होना था। पहले दिन प्राथमिक स्तर एवं दूसरे दिन उच्च प्राथमिक स्तर के अभ्यर्थियों ने दोनों पालियों में परीक्षा दी थी। इस बार दोनों स्तरों पर एक-एक प्रश्नपत्र ही होगा।
इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2015 की प्रदेश भर में दो फरवरी को परीक्षा होगी। इस बार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक की परीक्षा में भाषा का अलग से प्रश्नपत्र न होने से युवाओं में तरह-तरह की चर्चाएं हैं कि एक ही प्रश्नपत्र में भाषा के सवाल होंगे या नहीं। यदि होंगे तो कितने सवाल पूछे जाएंगे। इस परीक्षा में शामिल होने की अर्हता भले ही स्नातक है, लेकिन टीईटी में सवाल इंटरमीडिएट स्तर के पूछे जाने हैं। परीक्षा में माइनस मार्किंग (ऋणात्मक अंक) नहीं होगी।
यूपी टीईटी 2015 की परीक्षा की लगभग सारी तैयारियां हो चुकी हैं। सूबे के 1128 केंद्रों पर नौ लाख 42 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इस समय ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड किए जाने का सिलसिला तेज है। परीक्षा इस बार भी 150 अंकों की होगी, जिन्हें 150 मिनट में करना होगा। यानी एक सवाल पर एक मिनट मिलेगा। सभी प्रश्न चार विकल्प वाले यानी बहुविकल्पीय होंगे। टीईटी परीक्षा प्राथमिक एवं जूनियर स्तर के लिए अलग-अलग हो रही है। दोनों परीक्षाओं में पांच खंड होंगे। जूनियर स्तर की परीक्षा में यह बदलाव किया गया है कि गणित व विज्ञान शिक्षक के लिए संबंधित विषय की परीक्षा देनी होगी, बाकी अभ्यर्थियों को सिर्फ सामाजिक अध्ययन के 60 सवालों का जवाब देना होगा। अमूमन अभ्यर्थी शिक्षण विधि, भाषा के सवाल आसानी से कर लेते हैं, लेकिन गणित व पर्यावरण अध्ययन के सवाल जरूर परेशान करते हैं। इन्हीं दोनों विषयों के सवाल ही टीईटी की मेरिट भी तय करेंगे।
खास बात यह है कि प्राथमिक एवं जूनियर स्तर की परीक्षा में सभी सवाल इंटर स्तर के होंगे, लेकिन उसमें भी अंतर उम्र का रखा गया है। निर्देशिका में कहा गया है कि प्राथमिक की परीक्षा में 6 से 11 वर्ष एवं जूनियर की परीक्षा में 11 से 14 वर्ष तक के बच्चों को ध्यान में रखकर समस्या समाधान एवं शिक्षण विधियों के प्रश्न होंगे। पिछली परीक्षा में अधिकांश अभ्यर्थियों को कुछ शिक्षण विधि एवं विज्ञान व गणित के सवालों ने ही उलझाया था। एनसीईआरटी की कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों से अभ्यर्थियों को तैयारी करनी होगी। यह भी निर्देश है कि सामान्य वर्ग के उन्हीं अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र जारी होगा, जिन्होंने 60 फीसद या अधिक अंक हासिल किए हैं, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 55 फीसद अंक पाना होगा, तभी वह उत्तीर्ण माने जाएंगे।