*क्या मैं मर गया हूँ..
आज सवेरे-सवेरे, अख़बार में शोक समाचार के कालम में अपनी फ़ोटो को देख हैरान था। आश्चर्य... क्या मैं मर गया हूँ..? या कि yसी मसखरे का शिकार हो गया हूँ..!! रुको... थोड़ा सोचता हूँ.... पिछली रात ही तो मेरे सीने में भारी दर्द उठा था,और मैं पसीने से तरबतर हो गया था... फिर मुझे कुछ याद नहीं। मैं शायद गहरी नींद में सो गया था। और अब सुबह के ८ बज चुके हैं, बिना चाय मेरी आँख नहीं खुलती...!!!
आज आफ़िस में फिर लेट होने वाला हूँ। चिढ़चिढ़े बॉस का फिर भाषण सुनने वाला हूँ। पर ये क्या..??? क्यूँ मेरे घर में भीड़ हो रही है, सारी भीड़ क्यूँ रो रही है। यहाँ बरामदे में क्यूँ हाहाकार मचा पड़ा है, मेरा शरीर सफ़ेद कपड़ों में लिपटा ज़मीन पर क्यूँ पड़ा है....
मैं यहाँ हूँ.....!!! मैं चिल्ला रहा हूँ, कोई इधर तो देखो...सुनो.... मैं यहाँ हूँ.!!! न कोई ध्यान दे रहा है, न कोई सुन रहा है। हर कोई कातर नज़र से बस मेरे शरीर को निहार रहा है।
मैं अपने कमरे में वापस आ जाता हूँ। बाहर कोहराम मचा है। ये क्या... मेरी बीबी रो रही है, बहुत दुखी और उजडी सी दिख रही है, मेरे बेटे को शायद कुछ एहसास नहीं है, वह केवल इसलिये रो रहा है क्यूँकि उसकी माँ बदहवास है। लगता है मैं मर गया हूँ.....!!!!!
लेकिन मैं कैसे मर सकता हूँ..,, अपने बेटे से कहे बगैर...कि मैं उसे बहुत प्यार करता हूँ... मैं उसका बेहद ख़्याल रखता हूँ..,, मैं कैसे मर सकता हूँ... अपनी बीबी से कहे बग़ैर... कि वह दूनिया की सबसे ख़ूबसूरत और ख़्याल रखने वाली सबसे जवाबदार बीबी है..,, मैं कैसे मर सकता हूँ... माँ-बाप से कहे बग़ैर... कि वे है तो ही तो मैं हूँ... कैसे मर सकता हूँ... अपने दोस्तों से कहे बग़ैर कि.. वे मेरे जीवन के सारे सही-ग़लत फ़ैसलों पर वे मेरे साथ थे.... पर मैं ही अधिकतर वहाँ स्वयं नहीं पहुँच पाया था... जब उन्हें मेरी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी... और वे ज़्यादा ज़रूरतमन्द थे..!!!
मैं एक बन्दे को देख रहा हूँ... जो कोने में खड़ा आँसू छिपाने की कोशिश कर रहा है.., कभी हम अतिप्रिय अभिन्न मित्र थे... छोटी सी ग़लतफ़हमी ने हमें जुदा कर दिया। उन दिनों हम ईगो की पराकाष्ठा में थे.., हमने कभी एकदुसरे को माफ़ नहीं किया। मैं उसके पास जाता हूँ... अपने दोनो हाथों को आगे बढ़ाता हूँ... दोस्त मैं अपनी ग़लतियों के लिये क्षमा माँगता हूँ... हम आज भी अच्छे दोस्त है..,, मुझे माफँ कर दो....,, ये क्या उसके तरफ़ से कोई रिसपान्स ही नहीं..!!! क्या वह आज भी उसी ईगो में है, जबकि मैं माफ़ी माँग रहा हूँ.... फिर भी, उसका मिज़ाज नहीं मिलता... पर वह निरन्तर रोता जा रहा है.... पर एक सेकेण्ड... शायद वह मुझे और मेरे हाथ को नहीं देख पा रहा है... तो क्या मैं सच में मर गया हूँ...!!!!
ज़मीन पर लेटे मैं अपने शरीर के पास बैठ जाता हूँ... क्या करूँ कैसे करुँ...किसे पुकारु कुछ समझ नहीं पा रहा हूँ... दिल करता है कि मैं फूट-फूट के रोऊँ... एकदम से हुई इस अनहोनी पर कहाँ अपना सिर धुनु...और फोड़ूं.... हे भगवान... मुझे कुछ समय और दे दे... मैं अपने बेटे, बीबी, माँ बाप दोस्तों को बताना चाहता हूँ कि मैं उनसे कितना प्यार करता हूँ...!!!
मेरी बीबी कमरे में आती है, तुम बहुत सुन्दर हो मैं प्यार से बार-बार दोहराता हूँ.... परन्तु वह मेरे शब्दों को नहीं सुन पा रही है... सच तो ये है कि जीवन में उसने ये शब्द मेरे मुँह से कभी सुनें ही नहीं.... जी हाँ...मैंने कभी कहा भी तो नही...!!!!
हे भगवान....
मुझे थोड़े दिन और दे दे...केवल एक बार....
क्यूँकि,,,
मैं अपने बेटे को अपने सीने से लगाना चाहता हूँ...अपनी माँ को मुस्कुराते देखना चाहता हूँ.... अपने पिता को अपने ऊपर गर्व करवाना चाहता हूँ... केवल एक बार... बस एक बार अपने दोस्तों को सॉरी कहना चाहता हूँ। मैं तो उन्हें कभी समय नहीं दे पाया.... पर आज भी वे मेरे साथ हैं.. इसका धन्यवाद देना चाहता हूँ..,,
मैंने ऊपर देखा..,,,
मैं चिल्लाया..... भगवान!!!!!
केवल एक मौक़ा और दे दे,,,,,,,,,,,,,,,,,
तुम सपने में क्यों चिल्ला रहे हो, उठो!!! क्या तुमने कोई बुरा सपना देखा...,, मेरी बीबी ने मुझे थपथपाया...मेरा बेटा मेरी बग़ल में था, मेरी बीबी वही थी...वह मुझे सुन सकती थी...मैंने लम्बी साँस ली.. उसे गले लगाया और कहा....तुम मेरा ख़याल रखने वाली दुनिया की सबसे हसीन बीबी हो। मैं सच तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। उसकी आँखों में नमी और चेहरे पे इक प्यारी सी मुस्कान तैर गयी..!!!! इस मोहक मुस्कान को मैं ही समझ सकता था। भगवान.... इस दुसरे मौक़े के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद!!!!!
.....मैंने मन ही मन दोहराया..!!!!
*मित्रों......,,*
अभी भी देर नहीं हुई है। अपने झूठे ईगो, अतीत के पुराने विवाद और मतभेदों को भुलाकर अपने प्रियजनों और मित्रों से खुलकर अपने प्यार को जतायें, झगड़े लेकिन...मनमुटाव को भुलाकर नई शुरुवात करें क्योंकि ज़िन्दगी में दूसरा अवसर नहीं मिलता है। खुश रहें और सभी को खुश रखें,