फेसबुक पर प्यार बढ़ा तो पति और बेटे की कूच-कूचकर हत्या
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लखनऊ।
गोरखपुर की एक महिला कलयुगी पत्नी और मां साबित हो गई। फेसबुक पर प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि उसने पत्नी तथा मां के रिश्तों को कलंकित कर दिया।
पति व बच्चे की हत्या के मामले में उसको प्रेमी के साथ गिरफ्तार किया गया है। फेसबुक पर परवान चढ़े प्यार के फेर में उसने प्रेमी के साथ मिलकर पति और चार साल के मासूम बच्चे की हथौड़े से कूंचकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी। पुलिस ने डेढ़ दिन में ही घटना का खुलासा कर दिया।
गोरखपुर के एसएसपी लव कुमार ने बताया कि ओम प्रकाश और अर्चना की वर्ष 2009 में शादी हुई थी। उनका चार वर्ष का मासूम बच्चा शिवा भी था। पुलिस को सूचना मिली कि ओमप्रकाश और उनके मासूम बच्चे शिवा की हथौड़े से कूंच कर उनके ही कमरे में निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई है। पुलिस ने घटना की कडिय़ों को जोड़ा तो इस सनसनीखेज मामले का खुलासा हो गया। ओमप्रकाश की पत्नी अर्चना का पति से अक्सर विवाद होता था। आठ-दस महीने पहले अर्चना की फिरोजाबाद के शिकोहाबाद थाना क्षेत्र के स्वामी नगर निवासी अजय यादव से फेसबुक पर दोस्ती हो गई। अजय सरकारी जूनियर हाई स्कूल में शिक्षक है। फेसबुक पर बातचीत के दौरान ही दोनों के बीच प्यार हो गया।
बीते वर्ष मई माह में लखनऊ में इन दोनों ने मुलाकात भी की। इसके बाद अजय अपनी प्रेमिका से मिलने दो बार गोरखपुर आया और उसके ससुराल पर ही रुक कर उसके साथ अवैध संबंध भी बनाये। अपने पति से संबंध ठीक नहीं होने से दुखी अर्चना ने प्रेमी अजय को सारी बात बताई और दोनों ने उसको ठिकाने लगाने की योजना बना ली। दोनों ने ओम प्रकाश और मासूम शिवा की हत्या की योजना बनाई और फैसला किया कि हत्या के बाद भाग जाएंगे और पति-पत्नी के रुप में जीवन बिताएंगे।
योजना के मुताबिक 20 जनवरी को अजय अवध एक्सप्रेस से गोरखपुर पहुंचा और शाम को प्रेमिका अर्चना के ससुराल आकर रुक गया। हवस की भूखी अर्चना ने पति और अपने ही मासूम बच्चे की हत्या के पहले प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध भी बनाये। उसके बाद उसने चुपके से प्रेमी को बगल के ही कमरे में सुला दिया। इसके बाद पति व बच्चे के सोने के बाद फिर प्रेमी के कमरे में गई। दोनों ने फिर अपनी वासना को शांत किया। इसके थोड़ी देर रात अर्चना अपने कमरे में गई और प्रेमी अजय के मोबाइल पर फोन करके पति और बच्चे के सो जाने की जानकारी दी। उसके बाद हैवानीयत का नंगा नाच शुरू हुआ। दोनों हथोड़ा लेकर कमरे में गए और ओम प्रकाश यादव का सिर कुचल डाला।
ओमप्रकाश की मौत हो जाने के बाद इन दोनों ने चार वर्षीय मासूम शिवा उर्फ अनितेज की भी गला दबाकर हत्या कर दी। घटना को लूट का रूप देने के लिए दोनों ने कमरे का सामान बिखेर दिया। प्रेमी अजय ने प्रेमिका अर्चना को बगल के कमरे में प्लान के तहत भेज दिया और बाहर की कुण्डी बंद कर फरार हो गया। जब सुबह समाचारपत्रों के माध्यम से प्रेमी अजय को पता चला कि अज्ञात लुटेरों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है, तो उसने ओम प्रकाश की पत्नी और प्रेमिका अर्चना को लेकर भागने की फिराक योजना बनाई, लेकिन उसके पहले ही पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया। दोनों ने ही पुलिस के सामने अपना गुनाह कुबूल कर लिया।
खाना खाया न जताया अफसोस
गिरफ्तारी के बाद अर्चना को महिला थाने में रखा गया था। उसको लेकर महिला सिपाहियों के बीच काफी कौतूहल था। परसों रात ड्यूटी पर आने वाली हर सिपाही पहले उसे देखने जरूर जाती थी। कुछ ने उससे बातचीत भी की। इस दौरान वे अर्चना की मन:स्थिति समझने की कोशिश करती रहीं। रात में उसने खाना तो नहीं खाया, लेकिन बातचीत में पति और बेटे की मौत को लेकर उसने एक बार भी अफसोस नहीं जाहिर किया। कल सुबह सोकर उठने के बाद सामान्य ढंग से वह तैयार हुई। उसे कल दोपहर के बाद चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान भी वह पूरी तरह से सहज थी। कचहरी में पेश किए जाने के दौरान उसने अपना चेहरा दुपट्टे से बांध रखा था। कोर्ट में उसे देखने वालों की भीड़ लगने तथा कुछ लोगों के जबरिया उसके चेहरे से दुपट्टा हटा देने के बाद चेहरे का भाव कुछ देर के लिए जरूर बदला। कोर्ट से सुरक्षित निकलने के बाद उसके चेहरे से चिंता की लकीरें भी खत्म हो गईं।
परिवार के सामने कबूला जुर्म
पति व बेटे की हत्या में अर्चना के शामिल होने का शक तो शुरू में ही हो गया था, लेकिन उससे पूछताछ करने या गिरफ्तार करने से पहले पुलिस उसके प्रेमी को दबोचना चाह रही थी। अधिकारियों ने मातहतों को इसकी खास हिदायत दे रखी थी कि छानबीन के दौरान अर्चना को अहसास नहीं होना चाहिए कि वह भी शक के दायरे में है। उस पर नजर रखने के लिए घर में तीन महिला सिपाही तैनात कर दी गई थीं। प्रेमी अजय के हाथ लगने के बाद पुलिस ने जब अर्चना को गिरफ्तार किया, तो उस समय, मुख्यमंत्री सुरक्षा में तैनात पिता दीपचंद यादव (पीएसी में कंपनी कमांडर) तथा पुलिस में इंस्पेक्टर उसके जेठ राजकुमार यादव सहित मायके व ससुराल पक्ष के काफी रिश्तेदार घर में मौजूद थे। मीडिया के सामने लाने से पहले परिवार के लोगों के सामने ही पुलिस ने उससे पूछताछ की। पहले तो वह ना-नुकुर करती रही, लेकिन बाद में मोबाइल में उसके प्रेमी की फोटो दिखाए जाने और उसकी गिरफ्तारी हो जाने के बारे में बताने पर उसने सबके सामने सबकुछ कबूल कर लिया। इतना ही नहीं पति और बेटे की हत्या में शामिल होने की बात स्वीकार करने के साथ ही अपने बयान में प्रेमी को बचाने की कोशिश भी करती रही।
जेल में बंदियों ने हत्यारोपी प्रेमी युगल को पीटा
कचहरी से कल जेल ले जाए गए अर्चना और उसके प्रेमी अजय की बंदियों ने पिटाई कर दी। बंदी एक महिला के पति तथा बच्चे की हत्या करने से काफी आक्रोशित थे। किसी तरह से बंदी रक्षकों ने अर्चना व अजय को बचाकर निकाला। अब दोनों को तन्हाई बैरक में अलग-अलग रखा गया है।
दूसरे सिम से प्रेमी से बात करती थी अर्चना
परिवार वालों से प्रेम संबंध छिपाने को अर्चना ने प्रेमी अजय से बात करने के लिए अलग से सिमकार्ड खरीद रखा था। बात करने को वह दूसरा सिमकार्ड मोबाइल में लगाती थी और बातचीत खत्म होने के बाद निकाल कर रख लेती थी। उसी सिमकार्ड से वह प्रेमी से फेसबुक पर चैटिंग भी करती थी। अर्चना से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है
सिर्फ बहन पहुंची कचहरी
अर्चना को कल कचहरी में पेश करने के दौरान उसकी तरफ से सिर्फ उसकी बहन ही पहुंची थी। बहन के साथ तीन-चार युवक भी थे, लेकिन उनका उसके परिवार से कोई ताल्लुक नहीं था। अर्चना को लेकर भीड़ में चल रही काफी टीका-टिप्पणी और बाद में हंगामा होने के दौरान भी वे लोग खामोश ही रहे