shabd-logo

निरंजन कुमार (मुंना) के बारे में

‍ ‍‍‍‍निरंजन कुमार का जन्म 11 फरवरी 1982 के बिहार का जहानाबाद जिला में हुआ। इन्होने जहानाबाद से ही 'एस. एस.काॅलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के उपरांत इग्नू से  हिंदी साहित्य में स्नातक और NOU Patna से पोस्ट ग्रेजुएट की। बचपन से ही इन्हें चित्रकला और साहित्य में रूचि रहा है। वर्तमान में अध्यापक कार्य करते हुए प्रतिलिपि, स्टोरी मिरर, कहानियाँ, मातृभारती और ब्लॉगर पर भी सक्रिय हैं। इन्होने अभी तक की  जिन्दगी का सफर अभाव और संघर्ष के साथ जारी रखा है। जब हिंदी साहित्य की बात करें तो 'मुंशी प्रेमचंद' की सारी रचनाएं इन्हें बेहद पसंद है। निरंजन कुमार का प्रसिद्ध उपन्यास है : 'खामोशी', 'आई लव यू', 'प्यास' और 'इडियट्स' (धारावाहिक उपन्यास के रूप में प्रतिलिपि ऐप्प पर जारी। पाठकों का विशेष पसंद वाली कहानी रही है: 'कलियुगी भाई', 'रांझना', 'मैं तुझें नहीं भूल पाऊंगा', त्रिया - चरित्र ' इत्यादि।

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

निरंजन कुमार (मुंना) की पुस्तकें

इडियट्

इडियट्

इडियट् निरंजन कुमार 'मुंना' द्वारा रचित एक धारावाहिक उपन्यास है । इस उपन्यास के माध्यम से लेखक आधुनिक परिवेश में जिन्दगी जीते हुए कम उम्र, और पुराने ख्यालतों का समर्थक विक्रम बाबू की कहानी है। इसमें युवाओं की सोच, पश्चिम सस्कृति के असर, भ्रष्ट होता श

0 पाठक
11 रचनाएँ

निःशुल्क

इडियट्

इडियट्

इडियट् निरंजन कुमार 'मुंना' द्वारा रचित एक धारावाहिक उपन्यास है । इस उपन्यास के माध्यम से लेखक आधुनिक परिवेश में जिन्दगी जीते हुए कम उम्र, और पुराने ख्यालतों का समर्थक विक्रम बाबू की कहानी है। इसमें युवाओं की सोच, पश्चिम सस्कृति के असर, भ्रष्ट होता श

0 पाठक
11 रचनाएँ

निःशुल्क

निरंजन कुमार (मुंना) के लेख

भाग - 6 जारी

23 अप्रैल 2022
0
0

इडियट् भाग - 6⚫⚫"मैं, मैं भला क्यों नराज रहूंगा, वह भी तुमपर..!"विक्रम बाबू भी कम नहीं थें, यह बात को वो अच्छी तरह से जानतें थें, कि ऐसे कम उम्र वाले आशीक टाइप के लोगों से मुझको कैसे निपटने हैं।

भाग - 6

23 अप्रैल 2022
0
0

इडियट् भाग - 6⚫⚫"मैं, मैं भला क्यों नराज रहूंगा, वह भी तुमपर..!"विक्रम बाबू भी कम नहीं थें, यह बात को वो अच्छी तरह से जानतें थें, कि ऐसे कम उम्र वाले आशीक टाइप के लोगों से मुझको कैसे निपटने हैं।

भाग - 5 जारी

23 अप्रैल 2022
0
0

इडियट् भाग - 5 जारीदिवानगी का वह चरम सीमा पर खड़ा था, लेकिन उसको यह पता नहीं था कि जिसको लिए मैं अपना सारा काम धाम - छोड़कर मरे जा रहां हूँ , उसको अंदर कई राज छूपे हैं।ऋतुराज को विक्रम बाबू नेहा से पह

भाग - 5

23 अप्रैल 2022
0
0

इडियट् भाग - 5⚫⚫जिस समय दुकानदार ने यह उड़ती हुई खबर विक्रम बाबू को सुनाया, उस समय लगभग रात्रि का नौ से ऊपर हो रहा होगा। विक्रम बाबू को उस समय खबर सुनकर दिल में कुछ खड़का सा लगा था ,

भाग - 4 जारी

23 अप्रैल 2022
0
0

इडियट्स भाग - 4 जारी।विक्रम बाबू को इतना बोलना था कि नायडू सामने से आती हुई बोली, - "हाँ - हाँ और क्या कीजिएगा, आप जैसे लोग जहाँ रहेंगे न, वहाँ का भट्ठा ऐसे ही बैठ जायेगा।"."अरे भाई तुमको रह - रहकर हो

भाग - 4

23 अप्रैल 2022
0
0

इडियट्स भाग - 4⚫⚫रात को करीब आठ बजने ही वाला होगा। विक्रम बाबू टेलीविजन पर न्यूज देख रहें थें। देश में बढ़ती हुई महंगाई और कोविड-19 से उपजी समस्या पर डिवेड चल रहा था। न्यूज़ चैनल पर गला फाड़ - फाड़कर

भाग - 3 जारी

23 अप्रैल 2022
0
0

इडियट्स भाग तीन जारीनवीन पटनायक को सोचते हुए देखकर वह स्त्री बोल पड़ी, - "क्या सोच रहे हो...? ""आपका नाम, आपका नाम क्या है मैंम? ""मेरे नाम के संदर्भ में सोच रहा था? मेरा नाम है शांति देवी और मै

भाग - 3

23 अप्रैल 2022
0
0

इडियट्स भाग - 3⚫⚫समय लगभग सुबह का दस बजकर तीस मिनट होने वाला होगा । विद्यालय के आॅफिस का ठीक बगल में एक काउंटर खिड़की है, और उस खिड़की के पास ही स्कूल का नोटिशबोर्ड लगा हुआ है, जिस पर&nbsp

भाग - 2 जारी

23 अप्रैल 2022
0
0

इडियट्स भाग-2 जारीउनको पता है जिन्दगी में आगे बढ़ने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़तें हैं। कितना चिरौरी लोगों के बीच में जाकर करना पड़ता है। कितना झूठ का चासनी लगाना पड़ता है।यह सब सोचते हुए जनार्दन बाब

भाग - 2

23 अप्रैल 2022
0
0

इडियट् भाग-2⚫⚫साइकिल के पीछे अखबार का पुलिंदा लादे, सुबह - सुबह अखबारवाला बड़ा ही अजब स्टाइल से घर के आगे, अखबार डालकर, साइकिल की घंटी बजतें हुए आगे बढ़ जाता है ।उसके ठीक बाद, कुछ ही मिनटों में, अखबार

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए