इडियट् निरंजन कुमार 'मुंना' द्वारा रचित एक धारावाहिक उपन्यास है । इस उपन्यास के माध्यम से लेखक आधुनिक परिवेश में जिन्दगी जीते हुए कम उम्र, और पुराने ख्यालतों का समर्थक विक्रम बाबू की कहानी है। इसमें युवाओं की सोच, पश्चिम सस्कृति के असर, भ्रष्ट होता शिक्षा व्यवस्था से लेकर, मित्रों और आधुनिक परिवेश से उपजा वैसी सोच का लेखक ने चित्रण करने की कोशिश किया है, जो आगे चलकर भारतीय युवाओं के लिए परेशानी का कारण बनता है।
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