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निर्मला

12 मई 2022

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निर्मला का नाम पूरे सोसाइटी में झगड़ालू बांझ के नाम से फेमस था ,कोई भी उस से बात करने में कतराता था , ऐसा नहीं की कोई उसका फ्रेंड नहीं था ,उसके फ्रेंड्स में एक थी रमा काकी जिसकी हर बात पता नही क्यों निर्मला मान लेती थी , यह उसे भी पता नही था ,और दूसरी थी पूनम जो एक यंग लड़की थी जिसने  अभी अभी कॉलेज जाना शुरू ही किया था,!!!
पूनम कभी कभी उसके कुछ काम कर दिया करती थी , जैसे एक बार उसका मोबाइल हैंग हो गया और उसे अर्जेंट कॉल करना था , तो सामने से पूनम से उसने रिक्वेस्ट किया तो उसने अपना फोन उसे दिया और साथ ही उसके मोबाइल को भी ठीक कर दिया , जिस से उन दोनो में फ्रेंडशिप हो गई थी , इन दो लोगो के अलावा पूरे सोसाइटी में उस से कोई भी बात नही करता था ,सभी घबराते थे ,!!

निर्मला के पति धीरज  शर्मा अपने नाम के मुताबिक धीर गंभीर थे ,लोग उन्हे बीवी का गुलाम और  पत्नी भीरू और न जाने कितने तगमे दे रखे  थे , पर उन्हे इस बात की कभी किसी से शिकायत नही थी ,*"!!

हां अगर निर्मला को पता चल जाता की किसी ने उसके पति को कुछ भला बुरा कहा  तो उसकी शामत आ जाती ,!!
वैसे निर्मला के चिड़चिड़े पन की वजह उसका मां नही बन पाना था ,और उसपर लोगो के तानों ने उनको झगड़ालू बना दिया था ,!!

वह कहती थी ,*" बच्चे मेरे नही हुए तो तकलीफ इन लोगो को क्यों होती है ,ये मुझे बांझ ,अपशकुनी बोलने वाली कौन होती हैं , अरे भगवान ने मुझे बच्चे नही दिए तो इसमें मेरी क्या गलती है ,*"!!

हर सोसाइटी  में कुछ ऐसी भी औरते होती हैं जो दूसरो के घरों में झांकती रहती थी ,उन्हे निर्मला की बड़ी चिंता थी , वही लोग आग में घी डालने का काम करती थी , एक तरह से उन्ही दोनो की वजह से ही निर्मला का चिड़चिड़ा पन बढ़ा था , उनकी बातें सुनकर लोग चर्चा करने लगते ,तो  उनकी बाते सुन कुछ बाल सुलभ बच्चे निर्मला को  देख कह देते ** चल भाई निकल ले इसकी नजर लग जायेगी ,*!!!

बस इतना सुनना था की निर्मला पूरी सोसाइटी की औरतों को गलियों से सुशोभित कर देती थी , और बच्चो को तो मरने के लिए दौड़ा लेती थी ,*"!!

एक बात थी ,निर्मला और उसके पति में कभी कहा सुनी नही होती थी ,कभी किसी ने कभी भी उन्हे झगड़ते या ऊंची आवाज में बात करते नही सुना था , !!

एक दिन पड़ोस कि  शांति भाभी तो पूछ बैठी ,*" निर्मला बहन , तुम अपने पति से कभी लड़ती नही , *"!!

निर्मला ने पहली बार शांति  को शांति से उत्तर दिया था ,*" वह मेरे पति है ,मेरे सर्वस्व हैं , भला उनके साथ झगड़ा कैसे कर सकती हूं , और  मुझे झगड़ालू तुम लोगो ने बनाया , *"!!

शांति उस दिन आश्चर्य से देखा था , क्योंकि उसे इस सोसाइटी में आए मात्र दस महीने ही हुए थे , और वह कभी भी निर्मला को कुछ बोली नहीं थी ,आज पहली बार उसने बात की थी , *"!!

आज दिन में सभी लोग आराम कर रहे थे , तभी कुछ गुंडे टाइप के लोग ,सोसाइटी में आएं और उनके सामने वाले घर में  घुसकर मार पिट करने लगे और  घर में सिर्फ अठारह साल की लड़की नीलिमा और उसकी मां सरस्वती थी ,दिन में करीब सभी लोग ऑफिस या अपने काम से चले जाते थे , कुछ ही घरों में औरते रह जाती थी , !!

अचानक नीलिमा और सरस्वती के चीखने  की आवाज आने लगती है, पर कोई भी घर से बाहर नहीं निकला सभी औरते घबराकर घर में घुस गई किसी ने इतनी भी हिम्मत नही दिखाई की पुलिस को ही फोन कर देती ,  गुंडे उन दोनो को  बालों से घसीट कर बाहर ला रहे थे ,दोनो के ही सर पर मार लगा हुआ था और उनमें से खून बह रहा था , वह बचाने की गुहार लगा रही थी , सरस्वती ही सबसे ज्यादा निर्मला को ताने मारती थी , आज जो औरते उसकी हां में हां मिलाती थी सब अपने अपने कमरे में दुबक गई थी , गुंडे उन दोनो को घसीट कर बाहर लाते हैं ,और गाड़ी में जबरन डालने की कोशिश करते हैं तभी अचानक निर्मला पीछे से आती हैं और अपने हाथ में लिए रोड से तीन चार गुण्डो के सर पर तेज़ी से वॉर करती हुई चिल्लाती है , हरामजादों घर में अकेली औरतों को देखकर हमला करते हो किसी को नही छोडूंगी , निर्मला की आवाज सुन कई औरते बाहर आ जाती हैं ,तब तक निर्मला करीब पांच गुण्डो की पिटाई कर चुकी थी , गुंडे अचानक इस हमले से बौखला गए थे , उन्हे इसकी कोई उम्मीद नहीं थी ,तब तक कई औरते निर्मला को लड़ते देख आ जाती हैं , औरते को आते देख घायल गुंडे उन दोनो मां बेटी को छोड़ भागते है , वह दोनो घबराकर बेहोश हो चुकी थी , उनकी हालत देख निर्मला तुरंत टैक्सी मंगवा कर उन दोनो को लेकर हॉस्पिटल जाती हैं ,!!

शाम को हॉस्पिटल से निर्मला उन दोनों मां बेटी को लेकर सोसाइटी में आती हैं तो सबकी नजर उनके सामने झुकी हुई थी , सरस्वती  का पति बाहर गया हुआ था और ये गुंडे उनका किडनैप कर उनके गांव की जमीन हड़पना चाहते थे पर निर्मला के कारण वह सफल नहीं हो पाए ,,!!

सरस्वती सोसाइटी में पहुंचती है तो सभी औरते बाहर आ जाती है ,तो सरस्वती सबके सामने निर्मला के पैर पकड़ कर माफी मांगने लगती है ,!!
सरस्वती कहती है , *" मुझे माफ करना निर्मला बहन मैने हमेशा आपको बुरा भला कहा पर आप ने वह सब नही सोच हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दिए ,*"!!

निर्मला कहती है , *" सरस्वती आपसी झगड़े तो हम में रोज होते  रहेंगे पर इसका ये मतलब नही है की बाहरी आदमी आकर किसी को हाथ लगा दे , आज यहां हम भले अलग अलग है ,पर एक परिवार हैं ,सोसाइटी का मतलब ही एक परिवार होता है , हमारे तुम्हारे रिश्ते एक दिन के नही है ,पूरी जिंदगी हम साथ गुजारते हैं, तो किसी के दुख में सहभागी हो जाने से हमारे सुख में कमी नहीं हो जाती , आज तुम्हारी जगह पर मेरी बहन होती तो मैं चुप रहती, तुम्हे मार खाते देख मुझे लगा की मेरी बहन मार खा रही है इसलिए मुझसे रहा नहीं गया , और मैं आ गई , उसी समय पुलिस भी आ जाती है ,वह निर्मला के हिम्मत की तारीफ भी करती है , और फिर सरस्वती से पूछताछ करके जाती हैं , निर्मला के कारण अब सोसाइटी एक परिवार के रूप में बंध गया था , और निर्मला को अब अपशकुनी नही  कहते थे बल्कि गर्व से लोग घर में बुलाकर राय मशविरा करने लगे थे,वह  अब सभी बच्चो की मां बन चुकी थी और उन सबमें एक अलग ही रिश्ता बन चुका था ,*"!!

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निर्मला
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निर्मला एक ऐसी औरत की कहानी है जिसे बच्चे न होने की वजह से ताने सुनने पड़ते हैं ,जबकि उसका इसमें कोई गलती नही है ,पर लोगो को कौन समझाए , एक अच्छी खासी महिला को लोगो ने झगड़ालू बना रखा था।

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