रंगारंग क्रांति का पंचम चहुंओर लहरायाशंखनाद् गुँजायमान्, विह्वल मन हरषायाआनंद परिवार" का सुखद् युग है आयागुलाल-अबीर का खेल, बहुव्यंजन भी बहुत हींरे! भायात्रस्त मानवता देख विद्रोही कवि क्रांतिमय गद्य ले आया🔥🔥 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥सत् युग, द्वापर, त्रेता एवम् कलियुग ये चारों व्यक्तित्व केrefl