shabd-logo

पार्ट 2

20 अक्टूबर 2021

27 बार देखा गया 27
नवीन और सुमित जैसे पीछे गए और ट्रक पर चढ़े उनकी आंखे फटी की फटी रह गई। बक्सा खुला हुआ था।और उसमे से लड़की की लाश गायब हो चुकी थी..। उन्हे समझ नहीं आ रहा था, इस सुनसान जगह पे उन दोनों के अलावा कोई नहीं था..!! फिर वो लाश गई कहा?

दोनों इधर उधर ढूंढने के बाद थक के ट्रक के अंदर बैठ गए..!! तभी किसी के रोने की हल्की हल्की सी आवाज आने लगी। दोनों चौक के एक दूसरे को देखने लगे।

आवाज लगातार बढ़ती जा रही थी लेकिन दोनों को समझ नहीं आ रहा था..की आवाज आखिर आ कहा से रही है??

सुनसान जंगल में उन दोनों के सिवा और कोई नहीं है ऐसा उन लोग को लग रहा था। सुमित कुछ बोलने को हुआ और..तभी जोरदार चीख कि आवाज आई..!

नवीन ने तुरंत कहा, "हमे यह से भाग जाना चाहिए..।"

सुमित ने भी उसकी बात से सहमति जताई। और दोनों ट्रक से नीचे उतर के रोड की तरफ जाने लगे..!! बारिश अब कम हो चुकी थी, लेकिन बिजली कभी कभी चमक के उन दोनों को डरा रही थी। जैसे ही वो लोग रोड पे पहुंचने वाले थे, कि किसी ने नवीन को पीछे खींच लिया..! नवीन कि जोरदार चीख निकल गई।।

सुमित पहले से ही डरा हुआ था,जब नवीन कि चीख सुनाई दी तो वो और भी डर गया। एकदम से उसके मन में आया, "नवीन अभी मेरे साथ था तो एक दम से कहा चला गया..???" और उसकी चीख भी इतनी भयानक थी जैसे किसी ने उसे नोच डाला हो।

सुमित ने फैसला किया कि वो नवीन को छोड़ कर यहां से भाग जाएगा..! उसी की वजह से वो भी यहां फसा था। लेकिन जैसे वो आगे बढ़ने को हुआ नवीन कि कहराने की आवाज आई।

सुमित ना चाहते हुए भी अपने दोस्त की मदद करने के लिए पहुंच गया।  सुमित नवीन कि आवाज की दिशा में आगे बढ़ रहा था, तभी एक बार बिजली चमकी जिसे देख के सुमित के होश उड़ गए..!।

नवीन जमीन पे पड़ा हुआ था और उसे कोई जानवर ने अपने पैरो से पकड़ रखा था। सुमित ने डरते हुए पास पे पड़ी एक लकड़ी उठा ली और उस जानवर को  दूर भागने की कोशिश करने लगा।

सुमित की आवाज से जैसे ही जानवर पलटा इत्तेफाक से बिजली भी साथ चमकी और उसके साथ सुमित वहीं डर के कापने लगा।

वो जानवर एकदम कुत्ते की तरह था..! लेकिन वह कुत्ता आम कुत्तों से कई गुना भयानक दिखाई दे रहा था। उसकी एक आंख बाहर लटकी हुई, साइड चेहरा पूरा कुचला हुआ,,  उसकी एक टांग भी टूट के लटकी हुई थी..!

उस कुत्ते को देखने के बाद सुमित के अंदर बची कुची हिम्मत भी जवाब दे गई..!!। कुत्ता सुमित को देख के गुर्रा रहा था, उसके गुर्राने में एक दर्द सा महसूस हो रहा था।

मौका देख के नवीन धीरे धीरे पीछे की तरफ खिसकने लगा। वह कुत्ता उसी की तरफ देख रहा था लेकिन फिर भी वहीं तटस्थ भाव से खड़ा था। शायद वो भी यही चाहता था कि उसका शिकार भागे और वो भगा भगाकर सुमित का शिकार करे।

कुत्ते ने सुमित की तरफ देखा। वो तो जैसे होश में ही नहीं था..!! कुत्ते ने सुमित की तरफ से ध्यान हटाकर नवीन की तरफ नजर की और  एक पल गवाय बिना नवीन को नोचना शुरू किया।

उस कुत्ते को देख कर लगता नी था कि उसके अंदर इतनी जान थी..!  फ़िलहाल वहा देखने के लिए कोई और था भी नहीं!! सुमित के अलावा...!!!

कुत्ते ने नवीन कि पीठ पे अपने दांत गुसा दिया, और नवीन कि एक जोरदार चीख की आवाज आई। लेकिन वो कुत्ता इतने में नहीं रुका उसने उसकी पीठ को नोचना शुरू किया, नवीन कि रीढ़ की हड्डी तक बाहर आ गई।

कुत्ता उसको चबाने लगा, दिखाने में भले ही कुत्ता हो लेकिन हरकते तो कुत्ते वाली बिलकुल नहीं थी। इतनी दर्दनाक मौत देने के बाद भी वो रुका नही। उसने नवीन की जान निकलते ही नवीन कि लाश को अपने मुंह से सीधा किया और उसकी खोपड़ी के ऊपर मुंह किया..!! अब उसका मुंह एक दम से बड़ा होने लगा। जैसी ही उसका मुंह बड़ा हुआ एक झटके में उसने नवीन के सिर को मुंह में दबोचकर धड़ से अलग कर दिया।

क्रमशः......
5
रचनाएँ
वो लौट आई।
0.0
ये कहानी एक ऐसी लड़की की है। जिसे इस समाज ने यहां की खोखली इंसानियत ने बुराई के रास्तों पे चलने पे मजबुर कर दिया।

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए