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पार्ट 3

20 अक्टूबर 2021

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कुत्ता नवीन को मार चुका था...!!!  "अब वो सुमित की तरफ पलटा और बहुत जोर से गुर्राया"..! उसका गुर्राना इतना खतरनाक था.,, की आस पास के पेड़ों पे जो चमगादड़ थे वो सारे उड़ने लगे।।

उसके गुर्राना में गुस्सा साफ साफ झलक रहा था..!!!     सुमित के कानों में जैसे उसकी आवाज आई वो जैसे नींद से जागा हो।।उसने सामने नवीन की लाश देखी.!!        जो बिल्कुल पहचान में नही आ रही थी.! एक बार तो सुमित का भी जी मचला गया....!
जैसे तैसे उसने खुद को संभाला तो देखा कुत्ता गुस्से में उसे ही घुरे जा रहा है।।
सुमित अपने बचाव के लिए कुछ करता..!! "उससे पहले एक बार फिर से बिजली चमकी" ..
और इस बार डर के साथ साथ आश्चर्य से उसकी आंखे फटी की फटी रह गई।।

उसके सामने वहीं लड़की खड़ी थी..!!..  वो भी बिना कपड़ों के निर्वस्त्र..!     
देखने में वो बहुत ही खूबसरत थी...!!  "उसकी आंखे अंधेरे में भी नीली चमक रही थी।। काले बाल जो उसकी कमर तक आ रहे थे…!! देखने में बहुत ही मासूम शून्य भाव में वो एक दम चेहरे पे ठंडा भाव लिए खड़ी थी..!!

कुत्ता एक बार फिर जोर से गुर्राया..!! जिससे सुमित को अहसास हुआ कि उनके बीच अभी एक और भयानक चीज है..।। और जैसे ही उस कुत्ते के ऊपर उसकी नजर पड़ी वो समझ गया की उसका भी हश्र नवीन जैसा होने वाला है..!!!!

कुत्ता ने उसके ऊपर छलांग लगाई और सुमित ने डर के आंखे बंद कर ली..;;    लेकिन जब उसे अहसास हुआ की उसे कुछ नहीं हुआ है। तो उसने आंखे खोल के देखा..!!         कुत्ता वहीं जमीन में पड़ा तड़प रहा है।।।
सुमित कुछ सोचता उससे पहले उसके कान में एक आवाज आई..!!  जल्दी उठ और ये कपड़ा लड़की के ऊपर डाल वरना कोई भी नहीं बचेगा।।
सुमित ने देखा कि बाबा खड़े है.!                                        वहीं जिन्होंने नवीन को भेजा था…।   इस लड़की को दफनाने के लिए।। सुमित के अंदर एक दम से डर कम हो गया खत्म नहीं हुआ था…,, लेकिन कम जरूर हो गया था बाबा की वजह से।।
सुमित झट से उठा और तुरंत बाबा से कपड़ा लिया..;

कपड़ा लाल कलर ला था.."जिसपे ॐ का निशान था"...। सुमित ने जल्दी से कपड़ा लड़की के ऊपर डाला और बाबा ने तुरंत उसके ऊपर कोई जल फेका…. जिससे लड़की कि जोरदार चीख निकल गई....!! और उसके तुरंत बाद लड़की वहीं जमीन पे गिर गई।।
सुमित बाबा को देखने लगा..! बाबा ने गुस्से में कहा ये समय देखने का या कुछ पूछना का नहीं है… जल्दी से लड़की को उठाओ और मेरे पीछे चलो…!!!

सुमित बिना कुछ बोले ही बाबा के साथ चलने लगा..!! और थोड़ी देर में ही दोनों बाबा की उस जगह पहुंच गए जहा उन्हें लड़की को दफनाना था….!!!
बाबा ने कहा कि लड़की को इस जगह रख दो वहा कोई गोल घेरा बना हुआ था पहले से ही..!                         सुमित ने वैसा ही किया..!!    उसके बाद बाबा ने कुछ मंत्र पड़े और लड़की देखते ही देखते जमीन में समा गई…!!!।।
थोड़ी देर बाद सुमित बाबा के साथ उनकी कुटिया में था..! कुटिया में समान के नाम पे एक चटाई जिसपे शायद बाबा सोते थे..! और एक घड़ा था पानी का बस..!!!
फिर सुमित ने बाबा से कुछ पूछने के लिए मुंह खोला लेकिन बाबा ने पहले ही बोलना शुरू किया…. मुझे पता है.. तुम मुझसे क्या जानना चाहते हो कि...!!                 मैं वहा कैसे पहुंचा और ये सब क्या था???
सुमित ने सिर्फ गर्दन हिला दी.. बाबा ने कहा ये लड़की कोई आम लड़की नहीं है.. मुझे सिर्फ इतना पता चला है कि.. इस लड़की का नाम जेनिफर है.. और इस लड़की के ऊपर कोई खतरनाक तंत्र हुआ है…!
जिससे ये किसी भी मुर्दे को जिंदा कर के अपने वश में कर के कुछ भी करवा सकती है..!!
और ये तंत्र शायद इस लड़की ने खुद करवाया है..!!   मैंने इसी लिए नवीन को कहा था कि… इसे मेरी क्रिया स्थल पे दफना दे।।।       क्युकी मुझे इतना पता चल चुका था.।।      कि.. ये लड़की अगर ऐसे खुले में रहेगी तो कुछ ना कुछ अनर्थ जरूर होगा… और देखो नवीन कि जान चली गई।।।

लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि वो लड़की जागी कैसे मैंने तो उसे अपने तंत्र से बांध दिया था.. और जिस बक्से में रखा था उसपे भी बंधन बांध दिया था… फिर कैसे.????&
तब सुमित ने डरते हुए सारी बाते बाबा को बता दी जो नवीन ने सुमित को बताई थी…        बाबा सारी बाते सुन के गुस्सा हुए लेकिन उन्हें पछतावा भी बहुत हुआ की उनका खास शिष्य अब इस दुनिया में नहीं है..!!

सुमित ने बाबा से पूछा… बाबा क्या अब वो लड़की खत्म हो गई मतलब अब वो वापस तो नहीं आएगी ना???
बाबा ने कहा वो खत्म नहीं हो सकती उसका तंत्र जब तक ना खंडित हो.. और वो मैं नहीं कर सकता…!!

जिसने भी उसपे ये तंत्र किया है वो ही इसे तोड सकता है .. और वो पता नहीं कहा है…!!
*लेकिन मैंने अपनी शक्तियों से उसे बांध दिया है".. और उसे जमीन की गहराई में भेज दिया है जहा वो सोती रहेगी...।।। जब तक उसे कोई बाहर ना निकाले…!!

लेकिन बाबा अगर वो बाहर आ गई फिर क्या होगा.???? उसे कैसे रोकेंगे.???? सुमित ने बाबा से सवाल किया।।
बाबा ने कहा जब तक उस जमीन को कोई खोद के उसको बाहर ना निकले तब तक कुछ नहीं होगा… और वैसे भी वो जंगल में है… तो मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ होगा...।।।

सुमित फिर कुछ पूछने को हुआ लेकिन बाबा ने उसे रोक दिया और कहा कि मैं बहुत थक गया हू… तुम जाओ और नवीन की लाश को वहीं कहीं दफना दो… और इस राज को राज रखना… और शहर छोड़ के चले जाओ दोबारा यहां मत आना...।।। इतना बोल के बाबा चले गए.. और नवीन कि लाश को दफना के सुमित ने भी हमेशा के लिए शहर छोड़ दिया...।।।।

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वो लौट आई।
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ये कहानी एक ऐसी लड़की की है। जिसे इस समाज ने यहां की खोखली इंसानियत ने बुराई के रास्तों पे चलने पे मजबुर कर दिया।

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