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पत्र

30 मार्च 2016

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मेरे जानेमन मंटू   

तोहार लेटर आज मिला. जबसे पढ़े हैं तबसे हमरो लभलाइटिस बढ़ गया है...आज दिलवा बोरसी जइसन सुनुग रहा...केतना बार दिल बनाकर नाम लिखे तोहार आ केतना बार तीर बनाये.. आ केतना बार रोये ....अरे यूनिनार वाले मिल जातें न तो उनके टावर में किरासन डाल के फूंक देती आ पूछती...."कवना जनम के बदला ले रहा है रे नीसतनिया.."..?
पता है जब खूब तोहसे बतियाने का करता है..आ मोबाइल में टावरे नहीं रहता है न तो मन करता है की सिलवट पर मोबाईल को धनिया के संगे पीस के तरकारी बना दें।....
हई वेलेन्टाइन का मुंह न मारो...काहें के किस डे आ रोज डे. टेडी डे...इहाँ हम तुमको देखने के लिए तरस जा रहे हैं...अरे इ सब पईसा वाले लोगों का त्यौहार है....तुम हमको सिरात मेला में दस रुपया का गुरही जिलेबी खिया देना...हम समझ लेंगे की इहे हमरा वेलेंटाइन डे है...
मेरे मंटू हम बबीतवा के बियाह में तुमको देखे थे..अरे केतना दुबरा गए हो.खाते पीते नहीं हो का?..
पहिले केतना नीक लगते थे..एकदम..सनी देवला जईसा ..अब एकदम गाल सुख के इमरान हासमी हो गया है...
अरे मेरी चिंता जिन किया करो मेरे राजा ..हमको तो घर में रहना है कइसे भी रह जायेंगे।तुमको बाहर रहना है..मलेटरी में भरती होकर भारत माई की रक्षा करना है ...अच्छे से नहीं खाओगे तो का सीमा प दुश्मन से लड़ोगे...
हम तो तुम्हारे चिंता में ही दुबरा जायेंगे।
आ सुनों...माई बाबूजी के बात का बुरा नहीं मानते हैं....इहे लोग न हम लोगों को पैदा किया है...गार्जिवन जो कहेगा हमारे फायदे के लिए कहेगा..बुझाया न?....आ सरसों चना गन्ना आलू पर धियान दिया करो.हम पर नहीं...वरना तुम्हारे डैनीया जइसन बाबूजी कहियो तुमको मार वार दिए तो हम रो रो के मर जायेंगे।
पता है माई मामा इहाँ गई है...और भौजी का नया समाचार है...हम फुआ बन जाएंगे अब..तो भौजी तनी आराम कर रही हैं आजकल..सब लोड आजकल हमरे पर आ गया है..
सुबह तुलसी जी को दिया बारे हैं...केला में जल दिए हैं...फेर कोहंडा चीरे के मसाला पीसे हैं.. तरकारी बन गया है....गाई के लिए जनेरा का भात बनाना है...अउर पता है काल्ह रात को गइया खूब सुंदर बाछी दी है...आज दुआर पर पलानी छवा रहा है न तो बाबूजी ओहि में बीजी हैं...
सब काम हो गया...छत पर मरिचा के अँचार सुखाई..घर बहार के गोबर पाथने जा रहे थे तब तक तुम्हारा चिट्ठी मिला है....जबसे पढ़े तबसे किसी काम में मन नहीं लग रहा....कई बार रात को रो रोकर चुप हो जाते हैं...
जाने दो...तुम अच्छे से रहना मेरे लिए..
दो चार दिन में भइया भी नवेडा से आने वाले हैं...हमारे लिए बोरो प्लस आ फ्राक सूट लाने को कहें हैं..
पता है मंटू हम कल सपना देख रहे थे...तुम फौज में भरती हो गए हो...आह.. वर्दी में केतना नीक लग रहे हो..तुम्हारे आगे सब फिलिम के हीरो फेल है....मन करता है देर तक देखते रहें...हम खूब खुश हैं...तुम हमारे लिए हरियर चूड़ी आ लाल लाल बिंदी आ गुलाबी रंग का साड़ी लाये हो..हम पेहेन के खूब सुंदर लग रहे हैं एकदम मधुरीया जइसन।
आ पता है अपने सब सखी से कहते हैं..हमार संइयां डाक्टर इंजीनियर ना हवन.
"हमार संइयां त हउवन जवान ए सखी
उनका से बाटे इ देसवा के शान...
एतना नीक सपना था न की का बताएं...बीचे में माई जगा दी....."अरे मधुरी कबले सूतबे...चल मसाला पीस...
ए मंटू तुम हमारा सपना एक दिन जरूर पूरा करोगे मेरे राजा इहे उम्मीद है..
आ सुनों...हम काका आ विद्या दूनु गाइड किन लिए हैं....तुम चिंता मत करना...अरे पेयार के परीक्षा में तो तुम बिना बैठे ही पास हो मेरे दिलवा के लालटेन...
हाइस्कूल में देखे तुम हमको खिड़की पर चिट दिए.. हम पांचवा के घ के जगह सातवां के क लिख दिए थे तब्बो पास हो गए न 80 नम्बर आया।
अरे अकलेस जादो के सरकार में कोई फेल होता है पागल....इसलिए टेंसन मत लिया करो..
बस जब जब किताब खोलते हैं न तब तब तुम्हारी सांवली सुरतिया मन पड़ने लगता है...लगता है अब तुम किताब से झांक दोगे आ हमार आँख बन्द कर कहोगे..."आई लव यू मधुरी"
दिलवा एकदम कुहुक जाता है...मन करता है कि दीवाल तोड़कर तोहरा लग्गे आ जाएँ...बाकी माई बाउजी के मुंह सामने आ जाता है.....जाने दो तुम मलेटरी में जल्दी भर्ती हो जावो..आ मुझे अपनी दुल्हन बनावो... बाकि सब ठीक है
अपना खियाल रखना...हम मातादीन के टिबुल पर नहीं..बबीतवा के ओसारा में आयेंगे....
आई लभ जू मेरे राजा।
एक शायरी इयाद आ रहल है।

टूटी हुई सुई से कढ़ाई नहीं होती है
मंटू तेरे याद में पढ़ाई नहीं होती है।।

 

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