इस पुस्तक में मैंने वही लिखने की कोशिश की है जो मैंन जिया है। जिंदगी के कुछ दर्द भरे लम्हों को शब्दों मे बयॉ किया है। ये मेरे शब्द नहीं बल्कि वो एहसास है जो मैंने महसूस किया है। उन्हीं यादों को, उन्ही सहेजे हुए लम्हों को आप सभी से साझा कर रहा हूं। रोहित मौर्य