मिलने तुझसे ख्यालों में ही तेरे शहर जाते हैं,
सुबह शाम ही नहीं, आठों पहर जाते हैं,
याद आते ही अश्कों से भर जाती हैं आंखें,
कुछ जमीं पर गिरते हैं कुछ आंखों में ठहर जाते हैं..
-Rohit....
21 सितम्बर 2022