हम सभी अपना जीवन एक झूठी असुरक्षा के आवरण में जीते हैं और उसके कारण अपने मन में बहुत सारी जटिलताएं खड़ी करते हैं। मन की वो जटिलताएं हीं हमारे जीवन का दुख बनती है। ज्ञानियों की सीधी सरल बातें जो हमें समझ नहीं आती, क्योंकि हम उन सरल बातों को भी जटिल बन
शेष विश्व से अलग एक द्वीप जैसे गाँव में मेरा जन्म हुआ था जहाँ से शहर आना जाना अत्यंत ही कठिन था। वर्षा ऋतु में तो यह असंभव ही हो जाता था। लोगों के कन्धों पर डोली पर बैठ ही संभव हो पाता था। घोड़ा, बैलगाड़ी अथवा पैदल ही चार कोस अर्थात लगभग तेरह किलोमीटर
यह किताब मां की ममता को बड़े ही सुन्दर ढंग से समझाती हैं। इसमें कवि मां के विभिन्न भाव-भंगिमाओं के माध्यम से पाठकों को मां की ममता के महत्व को बड़े ही सारगर्भित व काव्यात्मक शैली में समझाता हैं। इसमें मां कभी डांटती है,तो कभी प्यार करती नजर आती है,इस