आपकी और हमारी कुछ कहीं अनकही बातें,,,,,,,,,,
मनुष्य की ज़िंदगी बड़ी ही कठोर और संघर्षशील होती है । आज के परिवार विखंडन का कारण किसी को स्पष्ट तौर पर पता ही नहीं हो प रही है । एक तरफ तकनीक की दुनिया में सोशल मीडिया और मनोरंजन की दुनिया मई व्यस्त होती हुई जिंदगियाँ और दूसरी तरफ भारतीय संस्कृति और स
अपने कालेज के दिनों में मैं अपनी सनक, हालात और घटनाओं का शिकार होकर एक चक्रव्यूह में फंस गया था जिससे निकालना उस समय असंभव सा लगता था। पर परिस्थितियों की समीक्षा और विश्लेषण करके, दृढ़ताऔर आत्मविश्वास के सहारे छोटे-छोटे कदम बढ़ कर मैं ऐसी स्थिति से उबर
"तूं चाही,मैं रीता"यह मेरी सातवीं तथा शब्द इन पर प्रकाशित होने वाली। छठवीं काव्य संग्रह है।जब तक यह लिखी जा रही है तब तक के लिये पाठकों के लिए नि:शुल्क शब्द इन पर उपलब्ध रहेगी लेकिन पूर्ण हो जाने के बाद यह सशुल्क उपलब्ध हो सकेगी। आनलाइन लेखन मैंने सब
अगर आपने लामा फेरा सीख लिया है तो यह किताब आपको कई तरीके सिखा सकती है जो मुझे अभ्यास के दौरान मिलते हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य अधिक अभ्यास फैलाना है। इस पुस्तक में एडवांस टेकनीक मिलेंगे जैसे बंद मोक्ष क्रिया ,एनर्जी वास्तु इत्यादि लेकिन अगर आपने ला
मेरी पुस्तक का नाम बशीरा है। मैने अपनी इस पुस्तक में बशीरा नाम के एक व्यक्ति के बारे में लिखा है। बशीरे के जरिए मैंने यह समझाने की कोशिश की है,कि जो लोग खुद को बदकिस्मत समझते हैं ,और भगवान को कोसते हैं कि हमें हीं भगवान ने इतने दुख दिए । उनको यह समझ
यह पुस्तक हमारे उन सभी महापुरुषों एवं पूर्वजों को समर्पित है, जिन्होंने सनातन धर्म की परम्पराओं (मानवता, सत्यता, न्याय इत्यादि) का आदर्श रूप से पालन करते हुए अपने श्रेष्ठ कर्मों द्वारा अपने धर्म, कुल एवं देश के गौरव को बढ़ाया तथा उसके हेतु अपना सर्वस्
लेखक की कलम से जन्म से हर बच्चा में कुछ न कुछ गुण होता है बच्चा जन्म से प्रतिभाशाली होते हैं लेकिन जैसे ही उम्र बढ़ता जाता है परिवार , समाज, शिक्षालय उसके गुणों व विकास में वृद्धि की सहायता तो करते हैं लेकिन बड़े होने पर उसमें वह प्रतिभावान नहीं होता
समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी एक येसी कहानी है, जिसमें मेरी भावनाओ को मैंने समाज के दर्पण के रूप में, समाज के कभी कड़वे तो कभी सुखद पल के अनुभव के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, समाज के छुपे उन पहलुओं और बिखरे, लेकिन पाक भावनावो वाला बचपन, टुटा मन औ
श्रीमद्भागवत गीता का सरल काव्य रूपांतरण
मैने अपनी पुस्तक, सफलता की ओर, में एक विधवा औरत की कहानी लिखी है। जिसका नाम सुरजीत है। सुरजीत ने अपनी बेटी को पढ़ा लिखा कर । अपनी बेटी को अपने पैरों पर खड़ा किया। सुरजीत से बहुत लोगों ने कहा कि मिनी को पढ़ाने लिखाने का तुम्हें क्या फायदा। इसने तो अपन
एक ऐसी लड़की की कहानी जो मर के भी मर ना सकी और अपने प्यार के लिए सब कुछ कुर्बान कर गयी । आईए आप भी पढ़ें कनक की कहानी कनक की जुबानी
ज़िंदगी में अनेक घटनाएँ -दुर्घटनाइयें,होती हैं,ज़िंदगी जाने -अंजाने अनेक परेशानियों से गुजरती है,इस ज़िंदगी में अनेक रिश्ते भी होते हैं जिनसे हमें कुछ न कुछ सीख मिलती है,सीखने की कोई उम्र नहीं होती चाहे कोई छोटा हो या बड़ा। जीवन में हर पल कुछ न कुछ स
"मुट्ठी भर रेत" काव्य संग्रह में इंद्रधनुषी रंगों से रंगी अनेकानेक रचनाएं हैं। कहीं मां के आंचल की सुगंध है,तो कहीं देश-भक्ति का रंग दिखाई देता है। कुछ रचनाएं समाज को ललकारती हैं, तो कुछ प्रेम से पुचकार कर उन्नति के पथ पर अग्रसर करती हैं।
यह पुस्तक आप को यदि आप ने कोर्स किया हैं तो अलग तरह से मदद करेगी और अगर आप ने नहीं किया हैं तो अलग तरह से मदद करेगी ! मै मास्टर हेमलता सभी महंगे कोर्सेज को बिना सिंबल बुक्स में दे रही हु ताकि जिन लोगो ने नहीं किया है , वो अधिक पैसा लगाने से पहले तय
यह एक डायरी लेखन हैं। जिसमें आपको दिन प्रतिदिन की सकारात्मक और अच्छी बातें पढ़ने के लिए मिलेंगी। हम आशा करते हैं कि आपको हमारी लिखी बातें पसंद आएं। आप सभी से अनुरोध हैं कि इस पुस्तक के हर भाग को पढ़कर अपनी बहुमूल्य समीक्षा एवं सुझाव अवश्य दें।🙏🙏 🌻वा
शाल्विक मंत्र एक ऐसी पद्धति है जो महर्षि शाल्विक जी द्वारा दी गई है। यह एक ज्योतिषीय तकनीक हैं। यह बहुत शक्तिशाली तकनीक हैं। जब आप को कोई संदेह हो की क्लाइंट का किस तकनीक से इलाज करें तो यह तकनीक अपनाएं। क्यूंकि इसमें 300 सिंबल्स हैं जिसमें से लगभग ५
(प्यार शब्द है बहुत छोटा है लेकिन इसकी गहराई बहुत ही विस्तृत है। इसके विस्तार को समझने के लिए मनुष्य को अपने जीवन में भावनाओं को नियंत्रण करके अपनी आंतरिक जीवन की इच्छाओं को प्रकट करना होता है।प्रेम शब्द के ढाई अक्षर को रहीम ने इतने सुंदर तरीके से प्
खामोशियां......अल्फाजों की दुनियां..🍁
घरेलू महिला कामगार कामकाजी या फिर नौकरीपेशा महिलाओं से अलग और अधिक जटिल चुनौतियों के बीच अपने जीवन यथार्थ से जूझती रहती है। स्त्री विमर्श ने घरेलू महिला कामगारों के समुदाय को अभी तक विषय नहीं बनाया है। एक ओर निजी परिवार और समाज की चुनौतियां झेलती हैं