shabd-logo

प्रशांत मिश्रा के बारे में

वर्किंग स्मार्ट टीम

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

प्रशांत मिश्रा की पुस्तकें

prashantmishra

prashantmishra

1 पाठक
3 रचनाएँ

निःशुल्क

निःशुल्क

प्रशांत मिश्रा के लेख

दर्द

10 मार्च 2015
0
0

पत्थर से दिल लगा कर बर्बाद हो गए, दिल शाद था मगर अब नाशाद हो गाए, जिनके वफाओं पर ऐतबार था 'आज़ाद', करके हमे तबाह वह खुद आबाद हो गए। बात मुद्दत के मुस्कुराने की रात आयी है, हर एक वादा निभाने की रात आयी है, वह जो दूर रहा करते थे साये से भी कभी, सीने से उनको लगाने की रात आई हैं. किसी परी की जवानी लगी

aao jara has le

10 मार्च 2015
0
0

टीचर (क्लास मे पढाते हुए), "बच्चो आयकर, बिक्रीकर, भूमिकर से मिलता झुलता कोइ और शब्द बताओ।" निशु, "सर, एक नही तीन शब्द सुने, सुनील गावासकर, सचिन तैंदुलकर और दिलीप वेंगसरकर।" मनु,"डेडी, ज्यादा काबिल कौन है मैं या आप?" डैडी, " मै, क्योकि मैं एक तो तुम्हारा बाप हुँ, दुसरे उम्र मे भी तुम से बडा हुँ औ

हर हर महादेव

17 फरवरी 2015
0
1

हर हर महादेव

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए