एक आदमी बहुत भला था ,उसने घर किराये पर दिया,
किरायेदार मुहल्ले के कुत्तों को बोटियाँ डालता था ,
किरायेदार की नीयत अच्छी न थी ,
मकान मालिक को भी तंग करता था ,
कभी मकान की चोखट बेचता कभी खिड़की कभी दरवाज़ा ,
जब मकान की ईंट बेचनी शुरू की तो हताश मकान मालिक कोर्ट गया मुक़दमा किया व अंत में जीत गया ,
किरायेदार मकान छोड़ चला गया ,
मकान मालिक ने मोहल्ले मैं एक आदमी को देखा वो जहा किराए पर रहता था ,
उस मकान को उसने अन्य किरायेदारों से ज्यादा साफ़ सुथरा व्यवस्थित कर रखा था ,,
ये आदमी कही किसी के यहाँ आता जाता भी नहीं था ,,
मकान मालिक ने उस आदमी को अपना किराये दर बनने को कहा और मकान को साफ़ सुथरा व्यवस्थित रखने की जिम्मेदारी दे दी , किरायेदार ने भी विशवास दिया की वो मकान की देखभाल अच्छे से करेगा ,,
एक निश्चित समय तक रहने का एग्रीमेंट कर दिया गया ,,
ये किरायेदार आया , मकान मालिक निश्चिन्त और प्रसन्न हो गया ,,
ये व्यक्ति मकान मालिक का विशवास बनाते हुए धीरे धीरे मकान में मरम्मत करवाने लगा,
पहले ग़ायब हुई इंटे लगवाई ,
खिड़कियाँ लगवाई व चोखट लगवाने का निश्चय किया ,
अब मुहल्ले के कुत्ते आशा करते की ये भी बोटियाँ डालेगा , किंतु एेसा न हुआ तो उन कुत्तों ने उस घर के बाहर आकर भोंकना शुरू कर दिया … किन्तु ये किराएदार इन सब बातो से दूर रहते हुए ,
बिना कही किसी के यहाँ आये जाए ,
सब कुछ भूल कर ,
सिर्फ मकान के निर्माण और सुव्यवस्था मैं लगा रहा ,,
हताश निराश मकान मालिक की भी सुरक्षा की ,,
बीच बीच मैं कभी ये किरायेदार भी जब मकान के निर्माण कार्य से हट कर व्यर्थ के काम करता तो परिवार के कुछ लोग उसको रोकटोक करते ,, खैर ,,, जो भी हुआ ,
मकान जब ठीक , सुन्दर ,सुव्यवस्थित हो गया तो,
इस किरायेदार को या मकान मालिक को अपने मकान के बारे मैं किसी से कहना नहीं पड़ा ,,
बिना कही आये जाए ,
बिना किसी प्रचार के ,
पूरा गाँव ही नहीं पूरा शहर उस किरायेदार की मेहनत और मकान मालिक की परख को मान गया । ,,
अब इस पुरे प्रसंग मैं मकान कौन है , मकानमालिक कौन है ,पहला किरायेदार कौन है ,नया किरायेदार कौन है
कुत्ते कौन हैं ,, रोकटोक करने वाले कौन है -- आप स्वयं अनुमान लगाने का अनुग्रह करें 😜😜