मैं एक शिक्षक हूँ और सौभाग्य से कवि भी हूँ
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खिड़कियाँ 19-06-2021 आज मन की खिड़कियाँ सब खोल दो। शोखियों में मस्तियाँ सब घोल दो।। यार यूँ ही बेवफा होता नहीं। क्या रहीं मजबूरियाँ अब बोल दो।। तब निकालो तुम जुबां से दोस्तो। बात को पहल