पकी यादों के बीच कटती है मेरी हर रात,
चैन नहीं मिलता और दिल रहता है उदास।
आ जाओ तुम्हें मैं गले से लगालूं,
प्यार के दरिया में डूबूं और डुबा दूं।
कभी कभी मेरे दिल को तसल्ली दिया करो,
अपने होठों से मेरे होठों को चूम लिया करो।
आपकी खातिर सनम मैं तन्हा बैठा हूं,
दूर ही सही तेरी यादों में खोया रहता हूं।
उल्फतों के साये में तलबदार नहीं,
जिंदगी के कुछ उसूल होने चाहिये,
मोहब्बत रहे न रहे कभी जिंदगी में,
मगर वफा के सिलेसिले रहने चाहिये।
परेशान हूं इसलिये तो करता हूं,
तेरी यादों की शमा बुझती ही नहीं,
जो तन्हा मुझे नींद आ जाये।
तू कहे तो चुप रहता हूं,मगर
तेरी आवाज को दिल से लगा कर,
हर पल वक्त बेवक्त बेचैन रहता हूं।
दूर होकर भी देख लो ऐ सनम अगर दिल की ख्वाहिश है,
दुनिया बदल जायेगी मगर हम नहीं यह आजमाईश है।
दूर होकर भी हम जुदा नहीं होगें,
तेरे आस पास ही हम जहाँ होंगे,
तू महसूस करना अपनी सांसों से,
हम तेरी रुह के पास हवा होंगे।
मोहब्बत करो तो हर मोेड़ पर निभाना होगा,
साथ साथ उम्र भर तक साथ ही चलना होगा