shabd-logo

उनका जाल उनका हाल

29 जनवरी 2022

24 बार देखा गया 24
मैं यकीन करता रहा ,
वो उम्मीदें तोड़ते रहे,
आज न उनपर यकीन है,
न उनसे कोई उम्मीद है।

वो बेबस समझ बैठे,
मुझे कमजोर समझकर,
और मैं ताकतवर निकला,
उनके जाल से निकल कर।

उनका जाल उनका हाल, 
अब हमसे बहुत दूर है,
उनकी यादों में मेरा दिल, 
बस लिखने को मजबूर है।
article-image
बाबा 
4
रचनाएँ
मेरा गम मेरी दुनिया
0.0
जिंदगी का अफसाना किसी ने नहीं जाना सिवाय कलम और कोरे कागज के. .
1

प्यार वफा

26 दिसम्बर 2021
1
0
0

<p>पकी यादों के बीच कटती है मेरी हर रात,</p> <p>चैन नहीं मिलता और दिल रहता है उदास।</p> <p><br></p>

2

उनका जाल उनका हाल

29 जनवरी 2022
1
0
0

मैं यकीन करता रहा ,वो उम्मीदें तोड़ते रहे,आज न उनपर यकीन है,न उनसे कोई उम्मीद है।वो बेबस समझ बैठे,मुझे कमजोर समझकर,और मैं ताकतवर निकला,उनके जाल से निकल कर।उनका जाल उनका हाल, अब हमसे बहुत दूर है,उ

3

न मिलेंगे अब शायद. .

29 जनवरी 2022
0
0
0

जिसकी मांग हमने लहू से सजाई,हर वादे पे सजदा कर जिंदगी बिताई।उस खुशनशीब दिल ने रिश्ते ताक किये,खूब निभाई गैरों संग कलेजा काट दिये।भरोसा टूटा रिश्ते टूटे और टूटा दिल,अब चाह नहीं कहती तड़प कर आ मिल।कोई ब

4

अपने

1 मार्च 2022
0
0
0

तूझे परवाह रिश्तों की नहीं टूटे या बिखरें अपनेतुझे परवाह गैर की सहीअपने मरें या टूटे सपने. .मगर तू यह भूल रहीवक्त पर अपने होतेमददगार हमदर्द सनमगैर नहीं अपने होते. .खूब समझ आयेगाजब वक्त रुलायेगाको

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए