जिंदगी का अफसाना किसी ने नहीं जाना सिवाय कलम और कोरे कागज के. .
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<p>पकी यादों के बीच कटती है मेरी हर रात,</p> <p>चैन नहीं मिलता और दिल रहता है उदास।</p> <p><br></p>
मैं यकीन करता रहा ,वो उम्मीदें तोड़ते रहे,आज न उनपर यकीन है,न उनसे कोई उम्मीद है।वो बेबस समझ बैठे,मुझे कमजोर समझकर,और मैं ताकतवर निकला,उनके जाल से निकल कर।उनका जाल उनका हाल, अब हमसे बहुत दूर है,उ
जिसकी मांग हमने लहू से सजाई,हर वादे पे सजदा कर जिंदगी बिताई।उस खुशनशीब दिल ने रिश्ते ताक किये,खूब निभाई गैरों संग कलेजा काट दिये।भरोसा टूटा रिश्ते टूटे और टूटा दिल,अब चाह नहीं कहती तड़प कर आ मिल।कोई ब
तूझे परवाह रिश्तों की नहीं टूटे या बिखरें अपनेतुझे परवाह गैर की सहीअपने मरें या टूटे सपने. .मगर तू यह भूल रहीवक्त पर अपने होतेमददगार हमदर्द सनमगैर नहीं अपने होते. .खूब समझ आयेगाजब वक्त रुलायेगाको