11 जनवरी 2019
हर तरफ है, मचा कोहराम,है बिखरा, टुकड़ों मे आवाम,है कहीं,नेताओं की मनमानी,सत्ता को समझे पुस्तानी…जिसे चुना, खुद को बचाने को,है वो तैयार, हमें मिटाने को…लड़ता रहा,जो सत्य के लिए,उसका कोई ज़िक्र नहीं…खुदा ढूंढते