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नाम-इन्दर , पिता का नाम -भोले नाथ , मैं एक हिंदी लेखक हूँ I बचपन से ही मुझे ग़ज़लें-कवितायेँ-कहानियां और शेरो शायरी लिखने का शौक़ है I मेरी लिखी ग़ज़लें-कवितायेँ-कहानियां और शेरो-शायरी मेरे ब्लॉग पर प्रकाशित होती रहती हैं I मेरा ब्लॉग पता :- http://merealfaazinder.blogspot.in/

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वो जून कि गर्मी, वो पीपल का साया

3 अगस्त 2019
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वो जून कि गर्मी, वो पीपल का सायावो यारों की टोली, वो रिश्तों का मायावो मिट्टी का घरौंदा, वो खपरैलों का छतलिए सोंधी सी खुश्बू, वो काग़ज़ का ख़त https://merealfaazinder.blogspot.com/2019/08/blog-post_3.html

शायरी

26 जुलाई 2019
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नई ज़िंदगी मिल जाती है, उस रोज मैखाने में,आब-ए-चश्म छलक जाते हैं जिस रोज पैमाने में........इंदर भोले नाथ

"गुलज़ार गली" Part-1

8 जुलाई 2019
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"गुलज़ार गली" भाग-१ hindi poem"तुम्हे जाना तो खुद पे हमें तरस आ गया,तमाम उम्र यूँही हम खुद को कोसते रहें"............"गुलज़ार गली" यही नाम था उस गली का....मैने कभी देखा नहीं था बस सुना था, हर किसी के ज़ुबान पे बस उसी गली की चर्चा रहती "गुलज़ार गली" |तकरीबन डेढ़ महीन

ग़ज़ल

8 जुलाई 2019
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फन्ना हुई कस्ती मेरी,मेरे आसूओं मे डूबकर,कुछ इस क़दर इश्क़ में रुलाया गया हूँ मैं...https://merealfaazinder.blogspot.com/2019/07/blog-post_73.html

दर्द

15 फरवरी 2019
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यह बात तमाचे कि नहीं जो बापू सा अहिंसावाद रहें वो खून की होली खेल रहें और हम निराशावाद रहें उतर के देखो सियासत से कभी उस घर में कितनी मातम है वो दर्द रूह को छलनी कर दे वो जख्म सालों बाद रहे क्यों मौन साधे यूं बैठे हो फिर तांडव का आगाज करो उन्होंने 40 मारे हैं तुम 400 का शिकार करो नदियां बहा दो खून क

गज़ल

9 फरवरी 2019
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जीना मुश्किल था कभी जिनका हमारे बीनाआज कल उनके लिए हम बेकार हो गये हैं,हमें देख कर कल निगाहें झुका लीगैरों के लिए आज तैयार हो गये हैं,आज कल उनके लिए हम बेकार हो गये हैं,वो वो नहीं रहें अब जो छूई मूई सा लगा थाआशियाने से निकल कर बाजार हो गये हैं,जो सहेम जाते थें रुह तक,देखकर काफिलामहफ़िलों में आज कल व

गज़ल

7 फरवरी 2019
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जीन्हे भुलने में है.....हमने उम्र गुजारी काश़ हम उन्हें दो वक्त याद आये तो होतें बहाया अश्कों का सागर यादों में जिनके काश़ वो आंसुओं के दो बूंद बहाये तो होतें जीन्हे भुलने में है.....हमने उम्र गुजारी काश़ हम उन्हें दो वक्त याद आये तो होतें

देश के खास मंदिर

30 जनवरी 2019
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करणी माता मंदिर इस मंदिर को चूहों वाली माता का मंदिर, चूहों वाला मंदिर और मूषक मंदिर भी कहा जाता है, जो राजस्थान के बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर देशनोक शहर में स्थित है। करनी माता इस मंदिर की अधिष्ठात्री देवी हैं, जिनकी छत्रछाया में चूहों का साम्राज्य स्थापित है। इन चूहों में

मेरी शायरी

27 जनवरी 2019
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मैं बह गया क़तरा क़तरा, मैं टुटा जा़र जा़र सा, ये मेरी वफ़ा का ईनाम है, तेरी बेवफाई वजह नहीं...

"हरिया"-एक सच्चाई

21 जनवरी 2019
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"हरिया"-एक सच्चाई एक बूढ़ी दादी दरवाजे से बाहर आई, और रोते हुए मंगरू से बोली, बेटा तुम्हे लड़का हुआ है ! पर बेटा तोहार मेहरारू बसमतिया इस दुनिया से चल बसी, अब इस अभागे का जो है सो तुम्ही हो ! बेचारी इतने सालों से एक औलाद के लिए तरसती रही, इतने सालों बाद भगवान ने उसकी इच्छ

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