जीवन एक रंगमंच है कहानी पहले
से लिखी है
पर हमें पता नहीं हर किरदार हमें निभाना है
हर रोज एक पन्ना पूर्ण कर जाना है
यहां किरदार को अगले दृश्य का पता नहीं
फिर भी हर एक को नाटक करना पड़ता है
कभी पर्दे पर तो कभी पर्दे के पीछे हंसना रोना पड़ता है
यहां दौलत शोहरत नाम पहचान सब कमाना पड़ता है
दिल टूट जाये तो उसे प्यार से मिलाना पडता है
पर्दा गिरने से पहले इस जीवन के रंगमंच के
चार दिन में उजाला लाना पड़ता है
तालियां बजे या ना बजे खुद को तो आभास कराना पड़ता है
पर्दा बंद होने पर अभिनय छोड कर भी जाना पड़ता है
जीवन एक रंगमंच है यहाँ हर किरदार निभाना पडता है ।