आओ बच्चों तुम्हें बताएं बातें गांधी महान की
आंख में ऐनक,हाथ में डंडा,तन पर खादी धोती
और पैरों में खड़ाऊँ के साथ चलते थे जब वो शान से
सत्य ,अहिंसा के हथियारों से छक्के
छुट जाते थे अंग्रेजों के अरमान के
वंदे मातरम-वंदे मातरम
स्वदेशी की पहचान चरखा था उनका निशान भी
रघुपति राघव राजा राम का करते थे वे गुणगान भी
वंदे मातरम वंदे मातरम
सादा जीवन उच्च विचार थे उनकी पहचान भी
बुरा ना देखो, बुरा ना सुनो, बुरा ना बोलो
प्रसिद्ध थे उनके यह बोल भी
वंदे मातरम-वंदे मातरम
मोहन से महात्मा तक का सफर तय कर गए
अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर भी वह कर गए
अंत समय में उनके मुख से निकले थे बस
दो शब्द हे राम-हे राम ही
वन्दे मातरम-वन्दे मातरम
2 अक्टूबर गाँधी जयंती पर राष्ट्रपिता महात्मा
गांधी को शत-शत नमन🙏
-आरती-