समुद्र की लहरें किनारे पे,
ये आती जाती रहती हैं।
ऊंचे वेग से उठती गिरती,
उद्विग्नता मन में जगाती हैं।।
समुद की लहरें उफनती है,
संग समुद्री जीव आते हैं।
किनारे पर ठहर कर कैसे,
संसार की माया देखते हैं।।
समुद्र की लहरें अपने में,
समाए हुए समुद्री जीवन।
पेड़ पौधे और जीव समुद्री,
सुकून से जीते अपना जीवन।।
समुद्र की लहरों में समाई,
बांटी अलग अलग धाराएं।
नीले और हरे रंग में रंगी,
बहती मेल न खाती धाराएं।।
समुद्र की लहरें उफनती ऐसे,
अपने में तूफान को लिए ऐसे।
हो जनजीवन अस्त व्यस्त,
थम कर शांत हो जाए ऐसे।।
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