shabd-logo

समुद्र की लहरें

27 जून 2022

30 बार देखा गया 30
समुद्र की लहरें किनारे पे,
ये आती जाती रहती हैं।
ऊंचे वेग से उठती गिरती,
उद्विग्नता मन में जगाती हैं।।

समुद की लहरें उफनती है,
संग समुद्री जीव आते हैं।
किनारे पर ठहर कर कैसे,
संसार की माया देखते हैं।।

समुद्र की लहरें अपने में,
समाए हुए समुद्री जीवन।
पेड़ पौधे और जीव समुद्री,
सुकून से जीते अपना जीवन।।

समुद्र की लहरों में समाई,
बांटी अलग अलग धाराएं।
नीले और हरे रंग में रंगी,
बहती मेल न खाती धाराएं।।

समुद्र की लहरें उफनती ऐसे,
अपने में तूफान को लिए ऐसे।
हो जनजीवन अस्त व्यस्त,
थम कर शांत हो जाए ऐसे।।
     _________________________________________________
        _____________________________________________
18
रचनाएँ
काव्य कृति
0.0
ये मेरी कविताओं का संग्रह है जिसमें मैंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाया है।
1

अनमोल जिंदगी

10 जून 2022
1
0
0

खुश रहकर जियो जिंदगी,आने वाले कल का आज हम।जियो हर पल जिंदगी ऐसी,अनमोल जिंदगी का पल हम।।रोज सूरज ही नहीं ढलता,आते हैं रात के पल भी।अनमोल जिंदगी भी ढलती है,मिलते हैं चांद सितारे भी।।ऐ अनमोल जिंदगी रोज ह

2

राष्ट्रीय एकता दिवस

15 जून 2022
0
0
0

राष्ट्रीय एकता दिवस पर्व को,हम भारतवासी शान से मनाते हैं।अनेकता में एकता का प्रतीक,हम मिलकर ही सब सिखाते हैं।।राष्ट्रीय एकता दिवस पर्व को,हम आन और शान से मनाते हैं।भाषाएं हो भले अनेक हमारी,राष्ट्रगान

3

खुश

26 जून 2022
1
0
0

लोग कहते हैं कि खुश क्यों,हमें ईर्ष्या ही नहीं होती।दुख अपना किसी से हमें,बताने की जरूरत नहीं होती।।खुश रहना भी कला है,आदत में शुमार होती है।बात जुबां पे नहीं और,दिल में बसी रहती है।।खुश रहा करो कि ऐस

4

समुद्र की लहरें

27 जून 2022
0
0
0

समुद्र की लहरें किनारे पे,ये आती जाती रहती हैं।ऊंचे वेग से उठती गिरती,उद्विग्नता मन में जगाती हैं।।समुद की लहरें उफनती है,संग समुद्री जीव आते हैं।किनारे पर ठहर कर कैसे,संसार की माया देखते हैं।।समुद्र

5

मौन

29 जून 2022
0
0
0

मौन जितना गहरा होगा,स्पष्टता परमात्मा की उतनी।सुनना अगर आवाज़ चाहते,सागर में मोती हो जितनी।।मौन रहो और ध्यान करो,परमात्मा की आवाज़ सुनो।ध्यान करो एकाग्र रहो,अंतरात्मा की आवाज सुनो।।मौन रहकर हृदय से जु

6

सतरंगी आसमान

30 जून 2022
0
0
0

सतरंगी आसमान बिखर गया,अपने में समाहित सातों रंग।सतरंगी आसमान में उड़ने को,बेताब पंछी उन्मुक्त गगन को।।बिखरे रंग सतरंगी आसमान में,उड़ कर अपनी छटा बिखेरते।उड़ते बादल आह्लादित होते,पुलकित हो फिर मन मुस्क

7

सम्मान

1 जुलाई 2022
1
1
2

मैं अपने देश का हमेशा,दिल से सम्मान करती हूं।छाया रहे आलोक हमेशा,दिल से अरमान रखती हूं।।शान हमारा है ये तिरंगा,तीन रंग है ये दर्शाता।किरणें बिखेरता केसरिया,सफेद रंग सादगी दर्शाता।।तिरंगे का अपना रंग ह

8

ऐ जिंदगी

2 जुलाई 2022
0
0
0

मुश्किलों के सदा हल हो ऐ जिंदगी।थके न फुर्सत के पल दे ऐ जिंदगी।।दुआ है कि सबका सुखद आज दे ऐ जिंदगी।आज सुखद है तो आने वाला कल भी दे ऐ जिंदगी।।इत्तेफाक से सबके रंग देखे हमने ऐ जिंदगी।चेहरे भी बदले हुए द

9

सांसे

4 जुलाई 2022
1
0
0

सांसे जब तक है,टकराव होते रहेंगे।रिश्ते जब तक है,टकराव होते रहेंगे।।बोलते रहते हैं पीठ पीछे,बोलते रहने दो।क्या फर्क पड़ता है,लगाव रहने दो।।दिल से दुआ करो,हर किसी की खैर रहे।खुदा हाथ थामे अपना,हर किसी

10

कर्म

6 जुलाई 2022
1
0
0

समझते हो गर कर्म को,जरूरत नहीं धर्म समझने की।पाप क्या और पुण्य क्या,कर्म ही करते रहने की।।कर्म तुम्हारे जुड़े पुण्य से,फल अच्छे तुम्हें मिलेंगे।बुरे कर्म तो जुड़ेंगे पाप से,फल उसके भी मिलेंगे।।कर्म हम

11

ओस की बूंदें

7 जुलाई 2022
0
0
0

ओस की बूंदें धरा पर,ऐसे पल्लवित होती हैं।कदम धरा पर पड़ते ही,तन मन स्फूर्ति भरती हैं।।ओस की बूंदें पंखुड़ीयों पर,पुष्प भी खिल उठता है।कोमल कोमल सी कोपलें,खुशबू से मन खिल उठता है।।आसमान से गिरी धरा पर,

12

पूर्णिमा

11 जुलाई 2022
1
0
0

पूर्णिमा का चांद देखो,कैसे बिखेर रहा चांदनी।तारे भी जग मग करते,रौशन हो रहे संग चांदनी।।पूर्णिमा की रात हम तुम,कुछ बात संग चांदनी में।कैसे अपनी छटा बिखेरी,कुछ बात इस चांदनी में।।पूर्णिमा की इस रात में,

13

पावस मास

26 जुलाई 2022
1
0
3

मनभावन श्रावण पावस मास,शिव शंकर भोले बाबा का।दर्शन को आतुर भीर लगी,पावस मास शिव शंभु का।।मनभावन श्रावण पावस मास,बाघम्बर धारी शिव शंभु का।हाथों में सोहे त्रिशूल डमरू,सिर गंगे चंद्र त्रिकालदर्शी का।।मनभ

14

हिंदुस्तानी

2 अगस्त 2022
0
0
0

हिन्द के हिंदुस्तानी हम, हिन्द की शान बढ़ाए।कर्मभूमि से जुड़े रहे हम, देश का मान बढ़ाए।। 1हिन्द हिन्दू सौराष्ट्र हम, मातृभाषा पे गर्व करे।गर्व अपनी संस्कृति पर, सरलता से व्यक्त करे।। 2ध्वजा हमारा है त

15

राखी

4 अगस्त 2022
0
0
0

आया राखी का त्यौहार,चिंटू मिंटू सज धज आए।अम्मा ने थाली सजाई,लड्डू, पेड़ा, बर्फी लाई।।रोली अक्षत पुष्प सजाकर,बहना ने आवाज़ लगाई।आओ मेरे प्यारे भाई,आगे अपनी कलाई भाई।।रोली अक्षत टीका लगाकर,बांधी राखी कल

16

रक्षा बंधन

6 अगस्त 2022
1
0
0

रक्षा बंधन त्यौहार आया।भाई बहन का प्यार आया।।खुशियां लेकर अपार लाया।हर पल साथ में प्यार लाया।।रोली चंदन राखी मिठाई।थाल सजाकर लाई भाई।।टीका लगाकर तुमको भाई।कलाई भी सजानी&n

17

दीपशिखा

7 अगस्त 2022
0
0
0

दीप मेरे जल अकम्पित,घुल अचंचल!सिन्धु का उच्छवास घन है,तड़ित, तम का विकल मन है,भीति क्या नभ है व्यथा काआँसुओं से सिक्त अंचल!स्वर-प्रकम्पित कर दिशायें,मीड़, सब भू की शिरायें,गा रहे आंधी-प्रलयतेरे लिये ह

18

रक्षा बंधन

7 अगस्त 2022
0
0
0

रक्षा बंधन पर्व आया, लाए खुशियां हजार।भाई बहन पर्व लाया, नेह स्नेह दुलार।।नेह स्नेह दुलार, मेवा मिष्ठान भंडार।राखी रोली सजा, थाल सजाई अपार।।कर में राखी बंधा, रेशम का धागा प्यार।मां भी बलाए लेती, भाई ब

---

किताब पढ़िए