shabd-logo

common.aboutWriter

जयश्रीकृष्ण, प्रियजन लेखन के ख्वाब ने ली है अगडाई, अर्ध शतक के जीवन मे कविता उभर आई। बचपन से शौक था कुछ लिखू पर कुछ था जो रोक रहा था।पर अब ख्वाब ने पंख निकाले है, और लेखनी कविता की अगडाई लेने लगी है जन्म पूर्व हो गया था ,कवि या लेखक अब पैदा हुआ है। तो देर को हरि इच्छा कहू या मेरी अनिच्छा तय नही कर पा रहा।खैर छोडे यह सब आप तो आनन्द ले भावो का ।क्योकि भाव है तो कविता है लेखनी की जान है भाव और मै इसे आपको समर्पित करने को उत्कंठित हू। स्नेह मिलेगा ऐसी आशा है। जयश्रीकृष्ण आपका स्नेहिल , संदीप शर्मा ,देहरादून से।

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

Sandeep Sharma  की कविताए

Sandeep Sharma की कविताए

संदीप की कलम से कविताए ही कविताए। पढिए व जीए सब एहसास । जो है खास। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।

0 common.readCount
3 common.articles

निःशुल्क

Sandeep Sharma  की कविताए

Sandeep Sharma की कविताए

संदीप की कलम से कविताए ही कविताए। पढिए व जीए सब एहसास । जो है खास। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।

0 common.readCount
3 common.articles

निःशुल्क

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए