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तकदीर बदल ले।

4 जून 2022

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लिखा जिससे ,मेरा नसीब, 

वो कलम थी क्या ?

या कोई  तहजीब, 

क्या उसकी करामात ,है,,कि,,,

,या तकदीर  ही ऐसी थी,

बात है जी,

थोडी सी खुशिया ,

बहुत  पल दुख के ,

लिखे थे उसने,

या मैने खुद से,

क्यू मुझको सब ,

समझ न आया,

यह कैसी है ,

उसकी माया,

चल खुद  पर ,

यकीन  ही कर ले,

कर मेहनत ,

तकदीर  बदल ले,

कर मेहनत  ,

तकदीर  बदल ले।(2)

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संदीप  शर्मा। 




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संदीप की कलम से कविताए ही कविताए। पढिए व जीए सब एहसास । जो है खास। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।

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