हमारे भारत वर्ष में समय-समय पर अनेक संत-महापुरुषों का अवतरण हुआ है, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन लोक हित और जन कल्याण के लिए न्यौछावर कर दिया। ऐसे संत-महात्मा निश्चित ही हमारे लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं, लेकिन जिस तरह से आज लोक कल्याणार्थ उनके बताये मार्ग और आदर्शों को अनदेखा किया जा रहा है, निश्चित ही वह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा पर बट्टा लगाने वाली बात है। मैंने अनुभव किया है कि विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयीन स्तर पर हमारे कुछ ही संत-महापुरुषों की जयन्ती और पुण्यतिथि के विषय में पढ़ाया जाता है, जिस कारण वे अन्य बहुत से संत-महात्माओं के बारे में सदैव अनविज्ञ रहते हैं। हमारे संत-महापुरुषों के बारे में एकजाई जानकारी सभी को प्राप्त हो सकें, ऐसा इस पुस्तक के माध्यम से मेरा प्रयास है।
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