सपना नाम की एक छोटी सी लड़की थी ।सपना के माता-पिता दोनों ही नहीं थे। सपना अपने चाचा चाची के साथ रहती थी। सपना के चाचा सोनू की एक बेटी थी। सोनू सपना को मानते थे, चाची गीता और उनकी बेटी रानी सपना को पसंद नहीं करती थी ।वह सपना पर बहुत अत्याचार करती थी। घर का सारा काम सपना से करवाती ।उसे पढ़ने के लिए जरा सा भी समय नहीं देती। सपना भगवान शिव की भक्त थी । वह शिव को अपना गुरु, माता पिता, दोस्त, और मार्गदर्शक समझती थी। जब गीता सपना पर या कोई भी सपना पर अत्याचार करते तो वह शिवलिंग के पास जाकर रोती और भगवान शिव से ही अपने मन की बात कहती। सपना बहुत भोली थी।
धीरे-धीरे रानी और सपना बड़ी होती है । गीता रानी की शादी कर देती है। किंतु सपना के शादी के लिए वह बिल्कुल नहीं सोचती। रानी शादी कर अपने घर चली जाती हैं। रानी के शादी के बाद गीता का अत्याचार सपना पर और ज्यादा बढ़ जाता है। वह पूरा दिन सपना से काम करवाती है, और उसे कभी कभी खाने को भी नहीं देती। सपना शिवलिंग के पास जाकर रोते हुए कहती ,कि हे भोलेनाथ मुझे ऐसी सजा क्यों मिल रही है। मैंने ऐसा क्या पाप किया है, क्या मुझे खुश होने का अधिकार नहीं है? ऐसा कब तक चलेगा।
कुछ समय के बाद रानी को एक बेटा होता है। जब रानी का बेटा 2 साल का हो जाता है, तो एक दिन रानी अपनी मां से मिलने घर आती है। रानी के आने पर उसकी मां बहुत खुश होती है ।वह सपना को रानी के पसंद का खाना बनाने को कहती है ।सपना खाना बनाने को चली जाती है। रानी और गीता बैठकर बातें करने लगते हैं। रानी का बेटा खेलने के लिए बाहर जाता है। वह खेलते खेलते झाड़ियों में चला जाता है। वहां उसे एक सांप काट लेता है ।रानी का लड़का रोने लगता है गांव में शोर मच जाती है ।रानी और गीता जाकर बाहर देखते हैं तो पता चलता है कि रानी के बेटे को सांप ने काट लिया है। रानी बहुत रोती है, वह कहती है कोई तो मेरे बेटे को बचा लो ,ऐसी स्थिति में किसी को समझ नहीं आ रहा था, कि क्या किया जाए। सपना को रानी का रोना नहीं देखा जाता ।वह दौड़ कर आती है, और अपनी बुद्धि का प्रयोग कर जड़ी बूटी द्वारा सांप के विष को खत्म कर देती हैं ।थोड़ी देर बाद रानी का बेटा होश में आ जाता है। सब सपना की तारीफ करने लगते हैं। सपना की वजह से रानी के बेटे को नया जीवन मिलता है। रानी और गीता को यह एहसास होता है, कि आज उसके बेटे को सपना ने नया जीवन दिया हैं और उन्होंने सपना के इस जीवन को नर्क बनाना चाहा। दोनों को अपनी गलती का एहसास होता है। दोनों ही सपना से प्रेम करने लगती हैं। गीता एक अच्छा लड़का देखकर सपना की शादी करवाती है।
सपना भगवान शिव का धन्यवाद करती है। वह जानती है कि यह सब शिव के आशीर्वाद की वजह से हुआ। सपना को भगवान शिव और अपनी भक्ति पर विश्वास था। उसकी विश्वास और भक्ति रंग लाई ।उसे एहसास हुआ कि दुख स्थाई नहीं होता है। उसका अंत एक न एक दिन होता है, और सुख की प्राप्ति भी होती है ।सपना अपने ससुराल में बहुत खुश है । उसका पति और उसके ससुराल वाले उससे बहुत प्रेम और आदर से रखते हैं।