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जैसी करनी वैसी भरनी

4 अप्रैल 2022

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गोविंदपुर गांव में एक राजू नाम का बनिया था। वह बहुत क्रोधी और लालची था ।वह गांव वालों को सामान महंग और मिलावटी कर देता था। गांव वालों को पता था कि वह सामान में मिलावटी करता है, पर लोग उसे कुछ भी नहीं कहते थे। सब मजबूर थे ।जब लोगों के पास पैसे नहीं होते थे, तो वह उन्हें उधार भी देता था ।कभी-कभी वह लोगों से उधार वसूलने के लिए लोगों का सामान भी ले लेता था ,और उधार वसूलने के लिए लोगों पर अत्याचार करता था, पर गांव वालों अपनी मजबूरी के वजह से आवाज नहीं उठाते थे।

 कुछ समय बाद उस गांव में हरीश नाम का एक नया बनिया आया। वह भी उस गांव में दुकान खोला। हरीश स्वभाव से अच्छा था। वह सामान बहुत अच्छा और सही कीमत पर बेचता था। धीरे-धीरे लोग हरीश की दुकान से सामान लेने लगे। हरीश गांव के दुखी गरीब लोगों को उधार देता था, पर वह उधार वसूलने के लिए उन लोगों पर दबाव नहीं डालता था ।गरीब दुखी लोगों की मदद भी करता था। गांव के लोग से संबंध बनाकर रखता था। अपने ग्राहकों से प्रेम पूर्वक बात करता था। और उनकी भावनाओं को समझता था। गांव के लोग उसके आने से बहुत खुश थे। सब हरीश की दुकान से सामान लेने लगे।राजू बनिया का दुकान डूबने लगा। उसके पास ग्राहक नहीं रह गए। वह बहुत परेशान हुआ। उसे हरीश पर गुस्सा आया। राजू बनिया ने सोचा हरीश के आने के कारण ही ऐसा हुआ है। राजू बनिया हरीश के पास जाकर उसे गांव छोड़ने की धमकी देता है पर हरीश राजू बनिया की बातों को अनसुना कर देता है। वह गांव वालों से राजू बनिया के स्वभाव के बारे में पहले भी सुन चुका था। राजू बनिया अपने क्रोध में हरीश बनिया की दुकान जलाने की योजना बनाता है। यह बात हरीश बनिया के शुभ चिंतक द्वारा हरीश को पता चल जाता है ।हरीश बनिया अपनी दुकान की देखभाल करने लगता है। जब राजू बनिया हरीश की दुकान जलाने को आता है, तो हरीश बनिया राजू बनिया को रंगे हाथ पकड़ लेता है। सारे गांव वाले और पुलिस वहां आ जाती है। गांव वाले पुलिस से राजू बनिया की सच्चाई बताते हैं, कि वह कैसे सामान में मिलावट कर देता था और उधार वसूलने के लिए लोगों पर अत्याचार करता था। राजू बनिया को पुलिस पकड़ कर ले जाती है ।गांव वाले को खुशी होती है, कि राजू बनिया जैसा व्यक्ति उनके बीच से निकल गया। गांव वालों को इंसाफ मिलता है, तथा राजू बनिया को उसकी करनी का फल मिलता है।
भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया कहानी

4 अप्रैल 2022

Juhi Singh

Juhi Singh

4 अप्रैल 2022

शुक्रिया 🙏

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रचनाएँ
प्रेरणादायक कहानियां
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यह किताब प्रेरणादायक कहानियां का संग्रह है।
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कर्म और संस्कार

24 फरवरी 2022
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शोभित नाम का एक बालक था। शोभित का जन्म मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर गांव में हुआ था। शोभित अपने माता-पिता का इकलौता संतान था। शोभित अपने माता पिता के साथ नरसिंहपुर गांव में रहता था। शोभित के पिता पेशे से

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लालची ससुराल

24 फरवरी 2022
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निधि नाम की एक लड़की थी ।निधि के पिता घनश्याम सोनार थे। निधि की माता का निधन निधि के जन्म के एक वर्ष बाद हो गया था। निधि अपने पिता घनश्याम की इकलौती बेटी थी। निधि को उसके पिता ने बहुत नाजो से पाला था

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सन्तोष का फल

26 फरवरी 2022
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एक समय की बात है। वीरेंद्र नाम का एक लंगड़ा और गरीब व्यक्ति था। वह स्वभाव से बहुत दयालु और संतोषी था ।वीरेंद्र अपनी पत्नी विनीता के साथ गांव के बाहर एक छोटे से घर में रहता था। रोज सुबह उठकर वह ईश्वर क

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अहंकार का अंत

27 फरवरी 2022
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सोनम और सोनिया दो बहने थी। सोनम बड़ी और सोनिया छोटी थी। दोनों बहने बहुत सुंदर थी। सोनम से सुंदर सोनिया थी। सोनिया को अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड था।उसे लगता था कि वह अपनी सुंदरता का उपयोग करके किसी से क

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सपना की भक्ति

27 फरवरी 2022
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सपना नाम की एक छोटी सी लड़की थी ।सपना के माता-पिता दोनों ही नहीं थे। सपना अपने चाचा चाची के साथ रहती थी। सपना के चाचा  सोनू की एक बेटी थी। सोनू  सपना को मानते थे,  चाची  गीता और उनकी बेटी रानी  सपना क

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4 अप्रैल 2022
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दया का फल

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संतोष एक नेक और दयालु व्यक्ति था। वह किसी को पीड़ा में नहीं देख सकता था। किसी को कुछ भी पीड़ा हो वह दौड़कर उसकी मदद के लिए जाता था। वह इंसान ही नहीं पशु पक्षी जानवर सब के लिए दया की भाव रखता था। वह हर

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