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लालची ससुराल

24 फरवरी 2022

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निधि नाम की एक लड़की थी ।निधि के पिता घनश्याम सोनार थे। निधि की माता का निधन निधि के जन्म के एक वर्ष बाद हो गया था। निधि अपने पिता घनश्याम की इकलौती बेटी थी। निधि को उसके पिता ने बहुत नाजो से पाला था। वो निधि को किसी चीज की कमी नहीं होने देते थे। अपनी बेटी के हर जरूरतों को पूरी करते थे। धीरे-धीरे निधि बड़ी  हुई। वह स्कूल पास कर कॉलेज में पढ़ने जाने लगी। निधि देखने में बहुत सुंदर थी । रूपा निधि की एक अच्छी दोस्त थी। वह निधि के साथ उसके कॉलेज में पढ़ती थी। एक दिन रूपा का जन्मदिन आया। वह निधि को अपने घर अपने जन्मदिन पर बुलाई। निधि अपने पिता की आज्ञा लेकर रूपा के जन्मदिन पर गई। वहां रूपा के घर के सभी सदस्य और रिश्तेदार आए थे। रूपा अपने घर वालों से निधि की पहचान करवाती है ।रूपा के जन्मदिन पर रूपा के मौसी का लड़का आया था। जिसका नाम अंकित था। वह अपनी पढ़ाई पूरी कर नौकरी करता था। अंकित की नजर जब निधि पर  पड़ी तो वह निधि की खूबसूरती का दीवाना हो गया। वह निधि से बात करने के लिए आगे बढ़ ही रहा था की ,गाड़ी की आवाज सुनाई दी जिसमें निधि के पिता थे वह निधि को घर ले जाने आए थे। निधि  गाड़ी में बैठकर अपने पिता के साथ घर चली गई। कुछ समय बीत जाने पर रूपा के जन्मदिन की तस्वीर आती है। सब साथ बैठकर जन्मदिन के तस्वीर देखकर यादों को ताजा कर रहे थे। तभी अंकित की नजर निधि की तस्वीर पर पड़ी ।अंकित निधि की तस्वीर उठाकर देखता रह गया।  वह अपनी बहन रूपा से निधि के बारे में पूछता है। तो उसे पता चलता है कि उसका नाम निधि है। वह रूपा के साथ उसके कॉलेज में पढ़ती है। वह रूपा को अपनी दिल की बात बताता है। रूपा अपने भाई की बात सुनकर दोनों को मिलवाने का वादा करती है। वह निधि को किसी बहाने पार्क में बुलाती है, और अपने भाई अंकित को भी। निधि और अंकित आमने सामने खड़े हैं ।अंकित के दिल की धड़कन तेज होने लगती है। वह निधि को अपने दिल की बात बताता है ।निधि को भी अंकित पसंद आता है। वह अंकित के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है। कुछ समय बाद निधि अपने पिता से अंकित को मिलवाती है ।अंकित से मिलकर उसके पिता को अच्छा लगता है। वे अंकित और निधि की शादी के लिए अंकित के घरवालों से मिलते हैं। वहां अंकित और निधि के पिता आपस में बैठकर बातें करते हैं ।अंकित के पिता निधि के पिता से दहेज की मांग करते हैं। वे दहेज में  कार और घर का सारा सामान गहने और दो लाख कैश की मांग करते हैं। अपनी बेटी की खुशी के लिए पिता दहेज की मांग को स्वीकार करके आ जाते हैं, और निधि को इस बारे में कुछ नहीं बताते । वे अंकित के पिता के कहे अनुसार बस दो लाख कैश छोड़कर बाकी सब कुछ देकर निधि की शादी कर देते हैं, और अंकित के पिता से वादा करते हैं, कि शादी के एक साल बाद वह दो लाख कैश भी दे देंगे। किंतु निधि के पिता शादी के बाद स्वर्गवासी हो जाते हैं ।अंकित के पिता और माता को इस बात का अफसोस होता है कि, काश दो लाख कैश भी उसी समय मिल गया होता। वह इसका  गुस्सा हमेशा निधि पर निकालती है। निधि के प्रति  अंकित और उनके सास ससुर का व्यवहार उसी दिन से बुरा होने लगता है। निधि के सास ससुर उसके पिता के लिए धोखेबाज कंजूस जैसे शब्दों का उपयोग करते है। निधि के ऊपर अत्याचार करते हैं, और अंकित के साथ मिलकर निधि को घर से निकाल देते हैं । निधि बेसहारा होकर  घर से चली जाती है। प्यास से व्याकुल निधि एक तालाब में पानी पीने जाती है । उसे अपने कान की सोने की बालियों का चमक पानी में दिखता है ।उससे देखते ही निधि को अपने पिता की याद आ जाती है। वह रोने लगती है। निधि कान की बालियां बेचकर पैसे पाती है, और किराए का कमरा लेकर रहने लगती हैं  ।वह नौकरी करना शुरू करती है और धीरे-धीरे एक अच्छी बिज़नेस वुमन बन जाती है। अंकित की नौकरी छूट जाने की वजह से वह नौकरी की तलाश करता हुआ एक कंपनी में पहुंचता है। इंटरव्यू के लिए जब वह जाता है कुर्सी पर निधि को बैठे देखकर अंकित को झटका सा लगता है। उसे पता चलता है कि निधि उस कंपनी की मालकिन है ।अंकित की दूसरी शादी के दौरान उसे एक लड़की होती है। उसे एक बेटी का पिता बनकर अफसोस हो रहा है, कि उसने एक पिता की बेटी के साथ कैसा व्यवहार किया। आज वह भी किसी बेटी का पिता है ।वह निधि से नजरें भी नहीं मिला पा रहा है।

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर लिखा है आपने 👌 आप मेरी कहानी पढ़कर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

12 अगस्त 2023

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रचनाएँ
प्रेरणादायक कहानियां
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यह किताब प्रेरणादायक कहानियां का संग्रह है।
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कर्म और संस्कार

24 फरवरी 2022
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26 फरवरी 2022
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सपना नाम की एक छोटी सी लड़की थी ।सपना के माता-पिता दोनों ही नहीं थे। सपना अपने चाचा चाची के साथ रहती थी। सपना के चाचा  सोनू की एक बेटी थी। सोनू  सपना को मानते थे,  चाची  गीता और उनकी बेटी रानी  सपना क

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गोविंदपुर गांव में एक राजू नाम का बनिया था। वह बहुत क्रोधी और लालची था ।वह गांव वालों को सामान महंग और मिलावटी कर देता था। गांव वालों को पता था कि वह सामान में मिलावटी करता है, पर लोग उसे कुछ भी नहीं

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संतोष एक नेक और दयालु व्यक्ति था। वह किसी को पीड़ा में नहीं देख सकता था। किसी को कुछ भी पीड़ा हो वह दौड़कर उसकी मदद के लिए जाता था। वह इंसान ही नहीं पशु पक्षी जानवर सब के लिए दया की भाव रखता था। वह हर

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