मेरा भी एक सपना है, मैं स्वस्थ भारत बनाऊँगा ।
भले यहाँ मैं मिट जाऊँ, सुख, शांति, समृध्दि फैलाऊँगा ॥
सर पे कफन जो बाँधकर कर्तव्य पथ पर चलते हैं,
अंजाम की चिन्ता किये बिना, वो कर्म ही अपना करते हैं,
लड़ने को जो मुसीबतों से, तैयार हर-दम रहते हैं,
बाधा, रुकावट जब भी आये, कभी न उससे डरते हैं ।
बिल्कुल ऐसे हीं लोगों को अपने साथ मैं लाऊँगा ।
अपने देश में फैली जकड़न को, मैं जड़ से ही मिटाऊँगा ॥
मेरा भी एक सपना है, मैं स्वस्थ भारत बनाऊँगा ।
भले यहाँ मैं मिट जाऊँ, सुख, शांति, समृध्दि फैलाऊँगा ॥
भारत वासी सुधर जायेंगे, काम करेंगे सबसे बेहतर,
मदद के लिए दूसरों की ही, हरदम रहेंगे वो तत्पर,
हम भारत के उत्थान के लिए, कभी न चूकेंगे अवसर,
विश्व पटल पर भारत का, स्थान होगा सबसे ऊपर ।
भ्रष्टाचार को दूर भगा, सोने की चिड़ियाँ बनाऊँगा ।
आतंकवाद का नाम मिटा, शांति से जीना सिखाऊँगा ।
मेरा भी एक सपना है, मैं स्वस्थ भारत बनाऊँगा ।
भले यहाँ मैं मिट जाऊँ, सुख, शांति, समृध्दि फैलाऊँगा ॥